Edited By Seema Sharma,Updated: 18 May, 2023 09:46 AM
मवेशियों के शवों को निपटाने से पहले उनके टुकड़े-टुकड़े करने की दिल्ली नगर निगम द्वारा अपनाई जाने वाली विधि पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को भारी असंतोष व्यक्त किया।
नेशनल डेस्क: मवेशियों के शवों को निपटाने से पहले उनके टुकड़े-टुकड़े करने की दिल्ली नगर निगम द्वारा अपनाई जाने वाली विधि पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को भारी असंतोष व्यक्त किया। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्टीकरण की मांग की तो दिल्ली नगर निगम के वकील ने गायों और भैंसों जैसे बड़े जानवरों के लिए निगम की निपटान पद्धति का बचाव यह कहकर किया कि जगह की कमी के कारण ‘वैज्ञानिक विधि’ अपनाई गई है, क्योंकि सभी शवों को दफनाया जाना संभव नहीं है।
चीफ जस्टिस ने कहा-‘इस प्रक्रिया को ‘वैज्ञानिक’ कैसे माना जा सकता है। मुझे इसे स्वीकार करना मुश्किल लग रहा है। शवों को टुकड़ों में काटने की अनुमति नहीं है। नगर निगम के इस दावे के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत किए जाए कि यह निर्धारित वैज्ञानिक विधि है।’ उन्होंने कहा कि कल आप ऐसा मनुष्यों के शवों के साथ भी कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आई कहां से?
उन्होंने कहा कि जानवरों के शवों के टुकड़े-टुकड़े करने की प्रक्रिया के वैज्ञानिक आधार को स्पष्ट करते हुए एक अधिक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करें। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्त्ता अजय गौतम द्वारा दायर एक आवेदन, जिसमें मृत गायों को सम्मानपूर्वक दफनाने की मांग की गई है, पर MCD, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।