Delhi Pollution: दिल्ली की हवा बनी सांसों पर आफत, प्रदूषण के डर से राजधानी छोड़ने को मजबूर हुए लोग

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 12:51 PM

delhi s air has become a respiratory hazard forcing people to leave the capital

राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक चिंता विषय बन गया है। यहां का AQI 400 के आसपास बना हुआ है, जो ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस स्तर पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा खांसी, आंखों में जलन और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा कई...

नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक चिंता विषय बन गया है। यहां का AQI 400 के आसपास बना हुआ है, जो ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस स्तर पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा खांसी, आंखों में जलन और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

8 साल तक घट सकती है लोगों की उम्र

दिली एन.सी जार में वायु प्रदूषण अब सिर्फ सर्दियों को स्मॉग तक सीमित नहीं रहा किसने गंभीर समस्या बन चुका है। एक की की एक नई स्टडी में बताया गया है कि खराब हवा लोगों के स्वास्थ्य के लिए, शिक्षा और शहर में रहने की क्षमता पर गहरा असर डाल रही है। इस स्टडी के लिए 17,000 लोगों का किया गया जिसमें 40% लोगों ने कहा कि वे प्रदूषित हवा और इससे होने वाली बीमारियों के कारण दिल्ली छोड़ना चाहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिकक यह शहर के भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिल्ली के लोगों की औसत 8.2 साल तक कम हो सकती है।

PunjabKesari

लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर
वाय प्रदूषण से स्ट्रोक, दिल की बीमारी और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अनुसार ज्यादा प्रदूषण वाले महीनों में स्ट्रोक के मामले साफ तौर पर बढ़ जाता है।
डाँकारों ने यह भी चेतावनी दी कि वायु प्रदूषण का असर दिमाग पर पड़ रहा है, जिससे डिमेंशिया और आपदमा जैसी बीमारियो का खतरा बढ़ सकता है। स्मॉग के समय अस्पतालों में सांस और दिल की बीमारी से जुड़े मरीजों की संख्या करीब 25% तक बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तथा में मौजूद बहुत बारीक कण बिना दिखाई दिए शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

हर साल अरबों डॉलर का नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण से भारत की हर साल अरबों डॉलर का नुकसान होता है। केवल दिल्ली में ही इससे सालाना करीब 64,250 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। जो शहर की सकल घरेलू उत्पाद यानि जी.डी.पी. का लगभग 6% है। प्रदूषण के कारण लोगों का बाहर निकलना कम हो जाता है जिससे रिटेल, दुरिजम और होटल कारोबार प्रभावित होते हैं। हर साल गंभीर प्रदूषण के कारण 10 से 15 दिन तक स्कूल बंद करने पड़ते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और माता पिता पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

PunjabKesari


दिल्ली की बनावट कटोरे जैसी, ठंडी हवा फंस जाती है नीचे
एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली की बनावट कहारे जैसी है। सदियों में ठंडी हवा नीचे फेस जाती है और ऊपर गर्म हाउस के बहुत पास रहता है। इससे गंदी हवा बाहर नहीं जा पाती। सर्दी के महीनें में प्रदूषण जमीन के बहुत पास रहता है। हवा कम चलती हैं और नमी भी बहुत कम होती है जिससे प्रदूषण और बढ़ता है। हाल ही में दीवाली के समय दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की इजाजत दी गई थी।  

PunjabKesari

इससे सदियों में प्रदूषण और बढ़ने का खतरा है। इसके अलावा अरावली पहाड़ियों को लेकर नए फैसले से ज्यादातर हिस्से से हट गई है। इससे खनन बढ़ सकता है और हरियाली कम हो सकती है। अरावली पहाड़ियां रेगिस्तान की धूल और प्रदूषण को रोकने में मदद करती हैं। इनके नुक्सान से दिल्ली की हवा और खराब हो सकती है। आज स्थिति यह है कि स्थानीय प्रदूषण और खराब मौसम मिलकर लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं और जलवायु बदलान का असर भी बढ़ा रहे हैं।

PunjabKesari
दिल्ली में प्रदूषण के बड़े कारण   
वाहन- 32%,  निर्माण कार्य और सड़क की धूल 28%, उद्दयोग 17%, पराली जलाना 9%, थर्मल पावर प्लांट 8%, घरेलू स्त्रोत 6% हैं।
समाधान की जरुरत
इन्हीं स्थायी कारणों की वजह से केवल आपातकालीन कदम जैसे ग्रैप, पूरी तरह असरदार नहीं हो पा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली को लंदन बीजिंग और पेरिस जैसे शहरों से सीख लेनी चाहिए। निष्कर्ष यह है कि अब अस्थायी उपाय काफी नहीं है। दिल्ली के लोगों को साफ हवा में सांस दिलाने के लिए साल भर चलने वाले ठोस और स्थायी सुधार जरुरी हैं।

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!