दिल्ली में 'जहरीली हवा' का खौफ: 40% निवासी छोड़ना चाहते हैं शहर

Edited By Updated: 20 Dec, 2025 07:37 PM

delhis toxic air scare 40 percent residents want to leave the city

इलनेस टू वेलनेस फाउंडेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुँच चुका है, जिससे 40% निवासी शहर छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। जहरीली हवा जीवन प्रत्याशा को आठ साल तक घटा रही है और स्ट्रोक व श्वसन रोगों का जोखिम बढ़ा रही है।...

नेशनल डेस्कः इलनेस टू वेलनेस फाउंडेशन की ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि दिल्ली का वायु प्रदूषण इतना गंभीर हो गया है कि शहर के 40 प्रतिशत निवासी यहां से पलायन करने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जहरीली हवा जीवन प्रत्याशा को आठ साल तक घटा रही है और स्ट्रोक व श्वसन संबंधी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा रही है। 

रिपोर्ट के विमोचन के अवसर पर डॉ. दलजीत सिंह ने बताया कि वैश्विक स्तर पर स्ट्रोक के लगभग 17 प्रतिशत मामले वायु प्रदूषण से जुड़े हैं। इसके अलावा, मनोभ्रंश जैसी स्थितियों के साथ इसके संबंध को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। उनका कहना था कि दिल्ली के गंभीर वायु गुणवत्ता संकट से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

64,250 करोड़ रुपये का भारी आर्थिक नुकसान

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रदूषण के कारण दिल्ली को हर साल 64,250 करोड़ रुपये का भारी आर्थिक नुकसान होता है, जो शहर की जीडीपी का लगभग 6 प्रतिशत है। यह केवल स्वास्थ्य का मामला नहीं है। खराब हवा के कारण लोग शहर में खरीदारी और यात्रा कम करते हैं, वहीं स्कूलों के बार-बार बंद होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

प्रदूषण के प्रमुख कारण

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में वाहन, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं। पूर्व स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार और नागरिकों को मिलकर स्वच्छ हवा और बेहतर भविष्य के लिए वास्तविक सुधारों पर काम करना होगा।

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