'अवैध अप्रवासियों का डिपोर्टेशन कोई नया नहीं', राज्यसभा में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

Edited By Updated: 06 Feb, 2025 02:19 PM

deportation of illegal immigrants is nothing new statement of f s jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीयों के डिपोर्टेशन पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र की संधि के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य लीगल माइग्रेशन को बढ़ावा देना और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित...

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित किए जा रहे भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो। ज्ञात हो कि अमेरिका में कथित तौर पर बिना दस्तावेजों के रह रहे 104 भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा किया। कई विपक्षी सदस्यों ने निर्वासन के दौरान भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर रोष व्यक्त किया था।
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जयशंकर ने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि वापस लौट रहे भारतीयों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान वैध यात्रियों के वीजा को आसान बनाने के लिए कदम उठाते समय अवैध आव्रजन उद्योग पर कड़ी कार्रवाई पर भी होना चाहिए।''

निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया नई नहीं- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया नई नहीं है और यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस ले। उन्होंने कहा, ‘‘यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है। निर्वासन की प्रक्रिया कोई नयी नहीं है, यह कई वर्षों से है।'' जयशंकर ने अमेरिका से अब तक भारत निर्वासित किए गए लोगों के आंकड़े भी सदन के समक्ष रखे। उन्होंने कहा कि साल 2009 में 734, साल 2010 में 799, साल 2011 में 597, साल 2012 में 530 भारतीयों को निर्वासित किया गया। उन्होंने इस संबंध में 2024 तक के आंकड़े साझा किए।
PunjabKesariविदेश मंत्री ने कहा, ‘‘विमान द्वारा निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया संयम के उपयोग पर बल देती है। हालांकि, हमें सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आवागमन के दौरान भोजन और अन्य जरूरतों से संबंधित संभावित चिकित्सा आपात स्थितियों सहित निर्वासितों की अन्य जरूरतों पर ध्यान दिया जाता है। टॉयलेट ब्रेक के दौरान जरूरत पड़ने पर निर्वासित लोगों को रोका नहीं जाता है। यह चार्टर्ड असैन्य विमानों के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी लागू होता है।''

उन्होंने कहा, ‘‘5 फरवरी, 2025 को अमेरिका द्वारा लाए गए विमान में पिछली प्रक्रियाओं से कोई बदलाव नहीं किया गया है।'' अमेरिकी सेना का एक विमान बुधवार को अमेरिका में कथित तौर पर बिना दस्तावेज़ों के रह रहे भारतीयों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से ये अमेरिका में रह रहे भारतीयों का पहला निर्वासन है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी वाशिंगटन यात्रा से कुछ ही दिन पहले यह कार्रवाई हुई है।
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निर्वासित लोगों की जानकारी 
निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं। निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं।

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