Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Dec, 2025 03:10 PM

केंद्र सरकार द्वारा 'संचार साथी' (Sanchar Saathi) नामक साइबर सुरक्षा ऐप को सभी फोन्स में इंस्टॉल करने के निर्देश के बाद उपजे विवाद पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने साफ किया है कि यह ऐप अनिवार्य...
नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार द्वारा 'संचार साथी' (Sanchar Saathi) नामक साइबर सुरक्षा ऐप को सभी फोन्स में इंस्टॉल करने के निर्देश के बाद उपजे विवाद पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने साफ किया है कि यह ऐप अनिवार्य (Compulsory) नहीं है और यूज़र्स इसे अपनी मर्ज़ी से डिलीट कर सकते हैं।
डिलीट करने का विकल्प खुला
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा- "अगर आप संचार साथी ऐप नहीं चाहते हैं तो आप इसे डिलीट (Delete) कर सकते हैं। यह ऐप वैकल्पिक (Optional) है।" उन्होंने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह इस ऐप को सभी नागरिकों तक पहुंचाए लेकिन इसे अपने डिवाइस में रखना है या नहीं यह पूरी तरह से यूज़र पर निर्भर करता है।
विवाद की शुरुआत क्या थी?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब केंद्र सरकार ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल कंपनियों को एक निर्देश जारी किया था। सरकार ने कंपनियों से कहा था कि वे 90 दिनों के भीतर भारत सरकार की साइबर सुरक्षा से जुड़ी ऐप 'संचार साथी' को सभी फोन्स में इंस्टॉल करें। निर्देशों में इस बात को भी सुनिश्चित करने को कहा गया था कि यूज़र्स इस ऐप को खुद से डिलीट या अनइंस्टॉल न कर सकें।
विपक्ष का कड़ा विरोध
इस खबर के सामने आते ही विपक्ष और कई नागरिक समूहों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया था। कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार के इस कदम को असंवैधानिक (Unconstitutional) और जनता के आजादी के हक का हनन बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी। विरोध करने वालों ने नागरिकों की निजता (Privacy) पर संभावित खतरे और सरकारी निगरानी (Government Surveillance) को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अब केंद्र सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि यूजर्स चाहें तो इस ऐप को डिलीट कर सकते हैं जिससे इस विवाद पर विराम लगने की उम्मीद है।