Edited By Sahil Kumar,Updated: 19 Dec, 2025 03:00 PM

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित दिव्य कला मेला एक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, जिसका उद्देश्य समावेशन, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता को प्रोत्साहित करना है।
दिल्लीः भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित दिव्य कला मेला एक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, जिसका उद्देश्य समावेशन, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता को प्रोत्साहित करना है। यह मेला दिव्यांगजन कलाकारों, शिल्पकारों और उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए एक प्रभावी मंच उपलब्ध कराता है तथा समाज को दिव्यांगता और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाने का कार्य करता है।
13 से 21 दिसंबर 2025 तक कर्तव्य पथ, इंडिया गेट, नई दिल्ली में आयोजित इस मेले में देशभर से आए दिव्यांगजन द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद, कलाकृतियां और नवाचारी वस्तुएं प्रदर्शित की गईं। इस आयोजन ने दिव्यांगजन के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ उनके सम्मानजनक सामाजिक समावेशन को भी मजबूती प्रदान की।
मेले के दौरान दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित (नेशनल अवार्डी) राजीव भट्ट को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित (फेलिसिटेट) किया गया। उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार जी तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा सम्मान प्रदान किया गया।
राजीव भट्ट पिछले तीन दशकों से अधिक समय से ऑटिज्म और डिस्लेक्सिया के क्षेत्र में दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु कार्य कर रहे हैं। उन्होंने पूरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर निरंतर जन-जागरूकता फैलाने, लोगों को संवेदनशील बनाने और एक समावेशी समाज की आवश्यकता को रेखांकित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयास समावेशी शिक्षा, सामाजिक भागीदारी और अधिकार आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहे हैं। वे एक लेखक भी हैं और उनकी पुस्तकें “डिकोडिंग ऑटिज्म” तथा “डिकोडिंग डिस्लेक्सिया” शिक्षकों, अभिभावकों और देखभालकर्ताओं के लिए उपयोगी मार्गदर्शक मानी जाती हैं।
दिव्य कला मेला दिव्यांगजन को अपनी प्रतिभा, उत्पादों और सेवाओं को सामने लाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और सामाजिक पहचान को बल मिलता है। वहीं, राजीव भट्ट जैसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित व्यक्तित्वों को मंच पर सम्मानित किया जाना देश की समावेशन, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।