Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Aug, 2025 07:49 PM

क्या आपने कभी सोते वक्त अचानक शरीर में झटका महसूस किया है? जैसे ही आप आंखें बंद करके नींद में जाने लगते हैं, तभी अचानक पैरों, सीने या पूरे शरीर में एक अजीब सी हरकत होती है। कभी ये हल्की होती है, कभी इतनी तेज़ कि नींद खुल जाती है। ज्यादातर लोग इसे...
नेशनल डेस्कः क्या आपने कभी सोते वक्त अचानक शरीर में झटका महसूस किया है? जैसे ही आप आंखें बंद करके नींद में जाने लगते हैं, तभी अचानक पैरों, सीने या पूरे शरीर में एक अजीब सी हरकत होती है। कभी ये हल्की होती है, कभी इतनी तेज़ कि नींद खुल जाती है। ज्यादातर लोग इसे थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में स्लीप मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को बार-बार नींद में हाथ-पैर झटके से हिलते महसूस होते हैं, तो इसे सिर्फ नींद की हलचल मानकर नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। यह शरीर की ओर से किसी बड़ी समस्या का शुरुआती संकेत भी हो सकता है।
क्यों आते हैं ये झटके?
डॉ. अजीत कुमार के अनुसार, यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब दिमाग और नर्वस सिस्टम के बीच समन्वय गड़बड़ा जाता है। ऐसे झटके नींद की कमी, ज्यादा कैफीन सेवन, इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी (जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम या पोटैशियम) के कारण भी हो सकते हैं। हालांकि, यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसके पीछे कुछ गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियां भी छिपी हो सकती हैं।
स्लीप मायोक्लोनस या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम?
विशेषज्ञों के अनुसार, नींद में झटकों की समस्या स्लीप मायोक्लोनस या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS) से जुड़ी हो सकती है। स्लीप मायोक्लोनस में नींद के दौरान शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक तेज़ झटका लगता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम में पैरों में खिंचाव, चुभन या उन्हें हिलाने की तीव्र इच्छा होती है, जिससे नींद प्रभावित होती है। अगर इन लक्षणों की अनदेखी की जाए, तो यह आगे चलकर पार्किंसन्स डिज़ीज़, नर्व डैमेज, या मिर्गी (एपिलेप्सी) जैसी स्थितियों में भी बदल सकता है।
दवाओं और खानपान का असर
कुछ मामलों में ये झटके नींद की गोलियों या एंटीडिप्रेसेंट्स के साइड इफेक्ट के रूप में भी देखे जाते हैं। वहीं, शरीर में जरूरी खनिजों की कमी (जैसे मैग्नीशियम, पोटैशियम) भी मांसपेशियों के असामान्य मूवमेंट का कारण बन सकती है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर यह समस्या हफ्ते में कई बार हो रही है और इसके साथ थकान, चक्कर आना, दिन में नींद आना या ध्यान केंद्रित न कर पाने जैसे लक्षण भी महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। ऐसे मामलों में ब्लड टेस्ट, न्यूरोलॉजिकल एग्जाम और स्लीप स्टडी जैसी जांच कराई जानी चाहिए।