Edited By Shubham Anand,Updated: 14 Dec, 2025 08:47 PM
पैरों में लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन, दर्द, सुन्नपन, गांठ या न भरने वाले घाव सामान्य समस्या नहीं भी हो सकते। विशेषज्ञों के अनुसार ये लक्षण लिम्फोमा, बोन कैंसर, सॉफ्ट-टिश्यू सारकोमा या अन्य कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। नसों और लिंफ फ्लो पर...
नेशनल डेस्क : अक्सर पैरों में होने वाली दिक्कतों को लोग सामान्य कारणों से जोड़कर नजरअंदाज कर देते हैं। मांसपेशियों में खिंचाव, गलत पॉश्चर, नसों में सूजन या पोषक तत्वों की कमी को इसका कारण मान लिया जाता है। लेकिन हर बार समस्या इतनी साधारण नहीं होती। कई मामलों में पैरों में लंबे समय तक बने रहने वाले या समझ से बाहर लक्षण शरीर के भीतर पनप रहे कैंसर के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं।
चिकित्सकीय शोध और PMC–National Library में प्रकाशित जानकारियों के अनुसार, लिम्फोमा, बोन कैंसर, सॉफ्ट-टिश्यू सारकोमा, ल्यूकीमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ओवरी कैंसर और रीढ़ तक फैल चुका कैंसर पैरों में विभिन्न तरह के बदलाव पैदा कर सकते हैं। ये बदलाव नसों पर दबाव, खून या लिंफ फ्लो रुकने और हड्डियों के प्रभावित होने की वजह से होते हैं। समस्या यह है कि ये लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और आम समस्याओं जैसे लगते हैं, इसलिए लोग समय रहते जांच नहीं कराते। जबकि शुरुआती पहचान से इलाज और रिकवरी की संभावना कई गुना बढ़ सकती है।
Healthline के अनुसार पैरों में दिखने वाले कैंसर से जुड़े संकेत
बिना वजह सूजन का बने रहना
अगर एक या दोनों पैरों में लगातार सूजन बनी रहती है, खासकर जब यह कई दिनों तक कम न हो या धीरे-धीरे बढ़ती जाए, तो यह लिम्फोमा, ओवरी कैंसर या पेल्विक ट्यूमर का संकेत हो सकता है। लिंफ नोड्स के ब्लॉक होने से शरीर में तरल जमा होने लगता है, जिससे पैरों में भारीपन, गर्माहट या सख्ती महसूस होती है। यह सूजन अक्सर शाम के समय ज्यादा बढ़ जाती है।
लगातार पैर दर्द
पैरों में ऐसा दर्द जो तेज हो, सुस्त बना रहे या रात में ज्यादा बढ़ जाए, बोन कैंसर या हड्डियों में फैल चुके कैंसर की ओर इशारा कर सकता है। अगर दर्द चलने, आराम करने या गतिविधि बदलने से भी कम न हो और हफ्तों तक बना रहे, तो इसे सामान्य दर्द समझकर अनदेखा नहीं करना चाहिए।
सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी
रीढ़, पेल्विस या पेट में मौजूद ट्यूमर कई बार उन नसों पर दबाव डाल देते हैं, जो पैरों को नियंत्रित करती हैं। इसके कारण पैरों में झनझनाहट, अचानक कमजोरी, चलने में अस्थिरता या पैर घसीटकर चलने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। ये लक्षण समय के साथ बढ़ते हैं और अपने आप ठीक नहीं होते।
पैर में बढ़ती हुई गांठ या उभार
सॉफ्ट-टिश्यू सारकोमा अक्सर जांघ, पिंडली या नितंब में बिना दर्द वाली गांठ के रूप में शुरू होता है। ऐसी गांठें कड़ी महसूस होती हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ती जाती हैं। अगर कोई गांठ 2 सेंटीमीटर से बड़ी हो, तेजी से बढ़ रही हो या उसका आकार बदल रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
त्वचा में बदलाव या न भरने वाले घाव
मेलानोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और बेसल सेल कार्सिनोमा जैसे स्किन कैंसर पैरों पर भी हो सकते हैं। इसके संकेतों में तिल का रंग या आकार बदलना, नई ग्रोथ का उभरना या कई हफ्तों तक घाव का न भरना शामिल है। ऐसे लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पैरों में ऐंठन, भारीपन या चलने में परेशानी
अगर ट्यूमर पैरों की नसों, आर्टरीज या लिंफ चैनल पर दबाव डालते हैं, तो ब्लड फ्लो प्रभावित हो जाता है। इससे पैरों में गंभीर ऐंठन, भारीपन और चलने में कठिनाई होती है। कई बार चलने पर दर्द बढ़ता है और आराम करने पर कम हो जाता है, जिसे लोग सामान्य वेस्कुलर समस्या मान लेते हैं, जबकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
इन लक्षणों के साथ दिखें ये समस्याएं, तो तुरंत सतर्क हों
अगर पैरों की दिक्कतों के साथ नीचे दिए गए लक्षण भी नजर आएं, तो बिना देरी जांच कराना जरूरी है—
अचानक या लगातार वजन कम होना
रात में अत्यधिक पसीना आना
अत्यधिक थकान महसूस होना
बार-बार संक्रमण होना
भूख में कमी
हल्का लेकिन लंबे समय तक बना रहने वाला बुखार
विशेषज्ञों का कहना है कि पैरों में दिखने वाले इन संकेतों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेने से न सिर्फ बीमारी की पहचान जल्दी होती है, बल्कि इलाज के बेहतर परिणाम और जीवन की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सकती है।