Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Dec, 2025 04:28 PM

हमारे शरीर में किडनी (Kidneys) बिना किसी शिकायत के रोज़ाना ढेर सारा काम करती हैं वे रक्त को फिल्टर करती हैं, अपशिष्ट (Waste) पदार्थों को हटाती हैं और शरीर में द्रव (Fluid) संतुलन बनाए रखती हैं लेकिन जब उन्हें कोई समस्या होती है तो वे कुछ संकेतों के...
नेशनल डेस्क। हमारे शरीर में किडनी (Kidneys) बिना किसी शिकायत के रोज़ाना ढेर सारा काम करती हैं वे रक्त को फिल्टर करती हैं, अपशिष्ट (Waste) पदार्थों को हटाती हैं और शरीर में द्रव (Fluid) संतुलन बनाए रखती हैं लेकिन जब उन्हें कोई समस्या होती है तो वे कुछ संकेतों के माध्यम से हमें चेतावनी देती हैं जिन्हें अक्सर लोग मामूली समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यूरिन में बुलबुले आना, टखनों में सूजन या लगातार एनर्जी की कमी ये सभी किडनी में खराबी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
इन लक्षणों का जल्दी पता लगाना गंभीर बीमारियों को रोक सकता है। डायबिटीज़ (Diabetes) के मरीजों को तो इन संकेतों को विशेष रूप से गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि दुनियाभर में किडनी खराब होने का एक बड़ा कारण अनियंत्रित मधुमेह ही है।
1. यूरिन (पेशाब) में झाग (Foamy Urine)
अगर आपको अपने टॉयलेट में ऐसा झाग दिखे जो फ्लश करने के बाद भी चिपका रहता है या आसानी से नहीं जाता तो यह एक "रेड फ्लैग" हो सकता है। इसका मतलब है कि आपकी यूरिन में प्रोटीन लीक (Protein Leakage) हो रहा है। इस अवस्था को प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) कहते हैं।
स्वस्थ किडनी प्रोटीन को फिल्टर करके शरीर में रखती है। जब किडनी के फिल्टर ठीक से काम नहीं करते हैं तो यह महत्वपूर्ण प्रोटीन यूरिन में बाहर निकल जाता है। यह डिहाइड्रेशन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) या बहुत अधिक प्रोटीन वाला आहार लेने के कारण भी हो सकता है इसलिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए चेतावनी
बढ़ा हुआ ब्लड शुगर किडनी के फिल्टर को नुकसान पहुंचाता है जिससे प्रोटीन बाहर निकलने लगता है। अगर यह स्थिति हफ्तों तक बनी रहे तो नुकसान बढ़ने से पहले एक त्वरित यूरिन टेस्ट (Urine Test) ज़रूर करवाएं।

2. टखनों और पैरों में सूजन (Swelling in Ankles/Feet)
शाम होते-होते पैरों या टखनों में सूजन आना या मोजे उतारने के बाद गहरे निशान दिखना किडनी की खराबी का एक आम संकेत है। किडनी जब शरीर से अतिरिक्त द्रव और नमक को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती है तो खून में प्रोटीन का स्तर कम होने लगता है और द्रव शरीर के विभिन्न हिस्सों में जमा होने लगता है। इस द्रव जमाव को एडिमा (Edema) कहते हैं। यह आमतौर पर पैरों, टखनों और चेहरे पर दिखाई देती है। यह स्थिति अक्सर नेफ्रोटिक सिंड्रोम या गंभीर क्रोनिक किडनी रोग (CKD) में देखी जाती है।

3. एनर्जी की कमी और थकान (Fatigue and Low Energy)
यद्यपि लेख में इसका विस्तार से वर्णन नहीं है लेकिन यह किडनी रोग का एक और महत्वपूर्ण प्रारंभिक लक्षण है। किडनी सिर्फ फिल्टर ही नहीं करती बल्कि वे एरिथ्रोपोइटिन (Erythropoietin) नामक एक हार्मोन भी बनाती हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के निर्माण में मदद करता है। जब किडनी खराब हो जाती है तो यह हार्मोन कम बनता है जिससे एनीमिया (Anaemia) हो जाता है। एनीमिया के कारण लगातार थकान, कमज़ोरी और एनर्जी की कमी महसूस होती है क्योंकि कोशिकाओं तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती।
इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। किडनी की समस्या का शुरुआती पता चलने से समय पर उपचार मिल सकता है और डायलिसिस (Dialysis) या किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) जैसी बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।