Nasal Cancer: नाक का बंद रहना सिर्फ जुकाम नहीं! अगर दिखें ये 10 संकेत तो भागें डॉक्टर के पास

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 08:54 PM

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नाक में बार-बार दर्द, जाम या रक्तस्राव को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह नाक और पैरानैसल साइनस कैंसर का संकेत हो सकता है, जो पुरुषों में अधिक पाया जाता है। प्रमुख लक्षणों में नाक बंद रहना, खून आना, चेहरे में सुन्नता और नजर...

नेशनल डेस्क : क्या आपके नाक में बार-बार दर्द, जाम या रक्तस्राव की समस्या रहती है? विशेषज्ञों का कहना है कि इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह नाक का कैंसर जैसी दुर्लभ बीमारी का संकेत भी हो सकता है। हाल के वर्षों में नाक और पैरानैसल साइनस कैंसर के मामले बढ़ते देखे गए हैं। यह बीमारी पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक पाई जाती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, पुरुषों में इस तरह के कैंसर विकसित होने की संभावना महिलाओं से लगभग दोगुनी होती है।

नाक का कैंसर क्या है?
नाक और साइनस का कैंसर तब होता है, जब नैसल कैविटी या आसपास के पैरानैसल साइनस में असामान्य कैंसर सेल्स बनने लगती हैं। यह हेड और नेक कैंसर की दुर्लभ श्रेणी में आता है। नाक का कैंसर आमतौर पर नाक के पीछे मौजूद खाली जगह से शुरू होता है, जो मुंह की छत के ऊपर से होते हुए गले से जुड़ती है। पैरानैसल साइनस चेहरे की हड्डियों में छोटे-छोटे हवा से भरे हिस्से होते हैं, जो नाक की गुहा से जुड़े रहते हैं।

नाक के कैंसर के जोखिम कारक
कुछ विशेष पेशों में इस कैंसर का खतरा अधिक देखा गया है, क्योंकि ऐसे पेशे के लोग लंबे समय तक हानिकारक कणों के संपर्क में रहते हैं। इनमें शामिल हैं:

लकड़ी का बुरादा (कारपेंट्री)

कपड़ा उद्योग की धूल

चमड़े की धूल

आटा

निकेल और क्रोमियम की धूल

मस्टर्ड गैस

रेडियम

इसके अलावा, धूम्रपान, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण, जेनेटिक रेटिनोब्लास्टोमा, गोरा रंग, पुरुष होना और 55 वर्ष से अधिक उम्र भी जोखिम बढ़ाते हैं।

नाक के कैंसर के लक्षण
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, नाक के कैंसर के लक्षण अक्सर चेहरे या नाक के एक ही तरफ दिखाई देते हैं। इनमें प्रमुख हैं:

नाक बंद रहना या लगातार जाम महसूस होना

आंखों के ऊपर या नीचे दर्द

नाक के एक हिस्से में ब्लॉकेज

बार-बार नाक से खून आना

नाक से पस जैसा स्राव

चेहरे या दांतों में सुन्नता

लगातार आंखों से पानी आना

नजर में बदलाव

कानों में दर्द या दबाव महसूस होना

चेहरे, तालू या नाक के अंदर गांठ बनना

नाक के कैंसर की जांच कैसे होती है?
नाक के कैंसर की पहचान आमतौर पर लक्षणों और मेडिकल जांच के आधार पर की जाती है। डॉक्टर प्रारंभिक शारीरिक जांच और मेडिकल हिस्ट्री के बाद मरीज को ईएनटी विशेषज्ञ यानी ओटोलैरिंजोलॉजिस्ट के पास भेजते हैं। इसके लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन और बायोप्सी जैसी जांचें की जा सकती हैं, ताकि शरीर के अंदर कैंसर की स्थिति स्पष्ट रूप से पता चल सके।

नाक के कैंसर का इलाज
नाक के कैंसर के इलाज में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड ड्रग थेरेपी जैसे विकल्प अपनाए जाते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, सभी स्टेज को मिलाकर नाक के कैंसर में पांच साल की सर्वाइवल रेट लगभग 61 प्रतिशत है।

नाक के कैंसर से बचाव संभव है?
सभी मामलों में नाक के कैंसर से पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है:

धूम्रपान से पूरी तरह दूरी बनाना

हानिकारक रसायनों और धूल से बचाव

सुरक्षित उपकरण और मास्क का उपयोग

नियमित मेडिकल चेकअप

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