Edited By Parveen Kumar,Updated: 11 Mar, 2024 07:21 PM
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा कि क्या वह आपराधिक मानहानि के एक मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं।
नेशनल डेस्क : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा कि क्या वह आपराधिक मानहानि के एक मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं। केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें उन्हें मामले में आरोपी के तौर पर जारी समन को बरकरार रखा गया है। मुख्यमंत्री ने 26 फरवरी को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि उन्होंने भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ से संबद्ध ‘यूट्यूबर' ध्रुव राठी द्वारा प्रसार किये गए कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट कर गलती की थी।
सोमवार को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ से, शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि केजरीवाल ‘एक्स' या ‘इंस्टाग्राम' जैसे सार्वजनिक मंच पर माफी मांग सकते हैं। पीठ ने वकील से कहा, ‘‘आप हमें बताइए कि आप क्या चाहते हैं। हम इसे दूसरे पक्ष के समक्ष रख सकते हैं।'' न्यायालय ने कहा कि शिकायतकर्ता माफीनामे का प्रारूप केजरीवाल को दे सकते हैं।
पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा, ‘‘इसलिए, यदि आप माफी मांगना चाहते हैं तो अपने अधिकारों और दलीलों के पूर्वाग्रह के बिना इसका प्रसार कर सकते हैं। उन्हें पड़ताल करने दें।'' पीठ ने कहा, ‘‘अन्यथा हम इस कानूनी मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या केवल रीट्वीट करना अपराध है या नहीं... हम आपसे सहमत हो सकते हैं, हम दूसरे पक्ष से सहमत हो सकते हैं। हम उसकी पड़ताल करेंगे।''
जब वकीलों में से एक ने निर्देश लेने के लिए वक्त मांगा, तब पीठ ने कहा, ‘‘उन्हें माफीनामा दिखाइए। यदि वह इससे सहमत होते हैं तो ठीक है।'' मामले को 13 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई के लिए निर्धारित करते हुए पीठ ने कहा कि उसका पहले का आदेश, जिसमें उच्च न्यायालय को 11 मार्च तक मानहानि मामले पर सुनवाई नहीं करने के लिए कहा गया था, सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगा।