बजट चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरा, उठाए महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे

Edited By Yaspal,Updated: 08 Feb, 2022 07:03 PM

during the budget discussion the opposition surrounded the government

देश के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया तथा इस सरकार की नीतियों को लेकर उन्हें संदेह है। केंद्रीय बजट...

नई दिल्लीः देश के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया तथा इस सरकार की नीतियों को लेकर उन्हें संदेह है। केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के धैर्यशील माने ने कहा, ‘‘हमें सरकार की नीयत पर संदेह नहीं है, लेकिन नीतियों को लेकर संदेह जरूर है।''

शिवसेना सांसद ने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने की मांग का उल्लेख बजट में नहीं है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एमएसपी पर फैसला ले। उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग के लोगों को आयकर की सीमा में कोई राहत नहीं दी गई जबकि कोरोना काल में लोग इसकी उम्मीद कर रहे थे।

माने ने कहा कि सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की मदद के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि सरकार को राज्यों की मदद करनी चाहिए और स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। माने ने आरोप लगाया कि सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लावू श्रीकृष्णा ने कहा कि आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय हुआ है और केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र को जीएसटी के बकाये की राशि राज्यों को देनी चाहिए।

जनता दल (यूनाइटेड) के दिनेश चंद्र यादव ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि यह बजट आम लोगों और गरीबों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने बिहार में कई परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र को इन्हें जल्द पूरा करना चाहिए। बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने कहा कि पिछले छह वर्षों में पूंजी आवंटन (कैपिटल आउटले) पूरी तरह खर्च हुआ है जो पहले नहीं होता था। उन्होंने कहा कि बजट में शहरी क्षेत्र में गरीबों के लिए मनरेगा की तर्ज पर कोई योजना नहीं है।

महताब का कहना था कि अगर बजट में महंगाई जैसे विषयों का उल्लेख होता तो बेहतर होता। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राम शिरोमणि वर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन आज कुछ नहीं कह रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि क्षेत्र को लेकर अलग से बजट लाना चाहिए।

 

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