EC को बदनाम कर रहे राहुल गांधी और विपक्ष, जज और ब्यूरोक्रेट्स समेत 272 हस्तियों ने लिखा खुला पत्र

Edited By Updated: 19 Nov, 2025 01:44 PM

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कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों के बीच देश की 272 प्रमुख हस्तियों—जिनमें 16 पूर्व जज, 123 नौकरशाह, 14 राजदूत और 133 सैन्य अधिकारी शामिल हैं—ने एक खुला पत्र जारी कर कांग्रेस की आलोचना की। पत्र में कहा गया कि कांग्रेस चुनाव आयोग जैसी...

नेशनल डेस्क : देश के 272 प्रतिष्ठित पूर्व अधिकारियों एवं दिग्गजों ने चुनाव आयोग (ECI) के समर्थन में एक खुला पत्र जारी किया है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 16 पूर्व न्यायाधीश, 123 सेवानिवृत्त नौकरशाह, 14 पूर्व राजदूत और 133 पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं। पत्र में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वे बार-बार बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाकर चुनाव आयोग सहित संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को धूमिल करने की सुनियोजित कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी की बी-टीम बताना राजनीतिक हताशा
दिग्गजों ने चेतावनी दी है कि आज भारत का लोकतंत्र किसी बाहरी हमले से नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से फैल रही “जहरीली राजनीतिक बयानबाजी” से खतरे में है। पत्र में कहा गया है कि विपक्षी नेता चुनाव आयोग पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उनके पास “प्रूफ” हैं, लेकिन अब तक न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है और न ही कोई हलफनामा पेश किया गया है। इससे साबित होता है कि ये आरोप महज राजनीतिक रणनीति हैं, सच्चाई नहीं।

पत्र में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का विशेष रूप से जिक्र किया गया है। हाल ही में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया था और अपनी खोज को “एटम बम” की तरह बताया था। दिग्गजों ने इसे आयोग के अधिकारियों को धमकाने की कोशिश करार दिया है। चुनाव आयोग को “बीजेपी की बी-टीम” बताने को पूर्व अधिकारियों ने राजनीतिक हताशा का परिचय बताया है।

चुनाव आयोग ने दिखाई पूरी पारदर्शिता
पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की सफाई (SIR प्रक्रिया) को पूरी पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक किया है। कोर्ट की निगरानी में सत्यापन कराया गया है, फर्जी वोटरों को हटाया गया है और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा गया है। ऐसे में आयोग पर लगाए जा रहे आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं, बल्कि राजनीतिक निराशा का नतीजा हैं।

दिग्गजों ने विपक्ष के दोहरे मापदंड पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब विपक्षी दलों को राज्यों में अनुकूल परिणाम मिलते हैं, तब चुनाव आयोग की तारीफ होती है, लेकिन जैसे ही प्रतिकूल परिणाम आते हैं, वही आयोग “विलेन” बना दिया जाता है। यह सेलेक्टिव आक्रोश राजनीतिक अवसरवाद को उजागर करता है।

फर्जी वोटर हटाना लोकतंत्र के लिए जरूरी
पत्र में मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं और गैर-नागरिकों को हटाने को लोकतंत्र की अनिवार्य जरूरत बताया गया है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और जर्मनी जैसे विकसित देशों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि दुनिया भर में नागरिकता आधारित मतदान ही लोकतंत्र की आधारशिला है। भारत को भी इसी सख्ती से अपनी मतदाता सूची की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।

चुनाव आयोग से पारदर्शिता बनाए रखने की अपील
अंत में इन 272 दिग्गजों ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह अपनी पारदर्शिता बनाए रखे और यदि आवश्यक हो तो कानूनी माध्यमों से अपनी साख की रक्षा करे। साथ ही सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया गया है कि बिना सबूत के आरोप लगाने के बजाय नीतिगत विकल्प प्रस्तुत करें और लोकतांत्रिक फैसलों को सम्मानजनक ढंग से स्वीकार करें।

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