Edited By Radhika,Updated: 05 Dec, 2025 12:28 PM

इंडिगो फ्लाइट संकट पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का गुस्सा फूटा है। राहुल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "इंडिगो का यह संकट दरअसल इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की भारी कीमत है। एक बार फिर आम...
नेशनल डेस्क: इंडिगो फ्लाइट संकट पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का गुस्सा फूटा है। राहुल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "इंडिगो का यह संकट दरअसल इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की भारी कीमत है। एक बार फिर आम यात्री को देरी, कैंसिलेशन और बेबसी की मार झेलनी पड़ रही है।" राहुल गांधी ने यह भी मांग की कि भारत को हर क्षेत्र में स्वस्थ और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है, न कि "मैच-फिक्सिंग" वाला क्रोनी एकाधिकार।
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संकट की वजह क्या है?
इंडिगो ने गुरुवार को 550 से अधिक और शुक्रवार को लगभग 400 उड़ानें रद्द कर दीं। इससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ प्रभावित हुई हैं। कंपनी ने DGCA को बताया है कि नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में उनकी प्लानिंग और कैलकुलेशन में बड़ी चूक हो गई। इस गलती के कारण पायलटों की उपलब्धता अचानक कम हो गई।
सरकार और एयरलाइन का रुख
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इस मामले पर इंडिगो के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की और एयरलाइन की तैयारी पर कड़ा असंतोष जाहिर किया। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि नए नियम लागू करने के लिए इंडिगो को पर्याप्त समय दिया गया था, इसके बावजूद इतनी बड़ी अव्यवस्था हुई।
इंडिगो ने DGCA से ड्यूटी नियमों में अस्थायी छूट देने का आग्रह किया है। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि 10 फरवरी 2026 तक उसकी सभी उड़ानें पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी, लेकिन 8 दिसंबर से आगे भी कुछ और उड़ानें रद्द होती रहेंगी और शेड्यूल में कटौती जारी रहेगी।