Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Aug, 2024 07:09 PM
गरीबी से अमीरी तक का सफर कठिन होता है, लेकिन ऐसी कहानियां हमें दिखाती हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है IAS तपस्या परिहार की, जिन्होंने बिना कोचिंग के UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 23वीं रैंक...
नेशनल डेस्क: गरीबी से अमीरी तक का सफर कठिन होता है, लेकिन ऐसी कहानियां हमें दिखाती हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है IAS तपस्या परिहार की, जिन्होंने बिना कोचिंग के UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल की।
किसान की बेटी का सपना
तपस्या परिहार का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता विश्वास परिहार किसान हैं और उनके चाचा विनायक परिहार सामाजिक कार्यकर्ता हैं। तपस्या की दादी, देवकुंवर परिहार, नरसिंहपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। परिवार का पूरा समर्थन और प्रोत्साहन उनके UPSC के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाया।
शिक्षा और UPSC की तैयारी
तपस्या ने अपनी शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की और पुणे के इंडियन लॉ सोसाइटी के लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, वह UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली चली आईं। उन्होंने पहले प्रयास में कोचिंग ली, लेकिन प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर सकीं।
दूसरे प्रयास में मिली बड़ी सफलता
तपस्या ने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में बिना कोचिंग के ही तैयारी की। उनकी मेहनत रंग लाई और 2017 में उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल की
व्यक्तिगत जीवन
IAS बनने के बाद तपस्या परिहार ने IFS अधिकारी गर्वित गंगवार से शादी की, जो पहले तमिलनाडु कैडर में तैनात थे। शादी के बाद, गर्वित को मध्य प्रदेश कैडर में ट्रांस्फर कर दिया गया ताकि वे अपनी पत्नी के साथ रह सकें। यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोग भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, बस जरूरत है तो कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की।