उसने कहा- ‘मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा’ और फिर सात साल तक लाश के साथ रहा, मरीज के प्यार में पागल हुआ डॉक्टर

Edited By Updated: 06 Aug, 2025 11:42 AM

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ये कोई हॉरर फिल्म की कहानी नहीं है, बल्कि हकीकत है- अमेरिका के फ्लोरिडा में 1930 के दशक में घटी ये घटना आज भी लोगों को हैरान कर देती है। यह कहानी है कार्ल टैज्लर (Carl Tanzler) नाम के रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन की, जिसकी ज़िंदगी में एक दिन एक युवती...

नेशनल डेस्क:  ये कोई हॉरर फिल्म की कहानी नहीं है, बल्कि हकीकत है- अमेरिका के फ्लोरिडा में 1930 के दशक में घटी ये घटना आज भी लोगों को हैरान कर देती है। यह कहानी है कार्ल टैज्लर (Carl Tanzler) नाम के रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन की, जिसकी ज़िंदगी में एक दिन एक युवती आई--एलेना डी होयोस (Elena de Hoyos)। 22 साल की एलेना को टीबी था और इलाज के लिए वह मरीन अस्पताल में भर्ती हुई थी, जहां टैज्लर ने उसका इलाज शुरू किया।

एक सपना, जो पागलपन में बदल गया
कार्ल टैज्लर खुद को एक 'काउंट' बताता था। उसका दावा था कि उसने बचपन में एक सपना देखा था जिसमें एक काले बालों वाली सुंदर महिला उसकी ‘सच्ची प्रेमिका’ बनी थी। जब उसने एलेना को देखा, तो उसे यकीन हो गया कि यही वही लड़की है। उसने एलेना को बचाने की कोशिश की- घरेलू टॉनिक, अजीब मशीनें और ढेरों इलाज के बहाने। लेकिन ये कोशिशें बेकार रहीं और 25 अक्टूबर 1931 को एलेना की मृत्यु हो गई।

कब्र से मोहब्बत का अजीब रिश्ता
एलेना के परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी, इसलिए टैज्लर ने खुद उसकी अंतिम क्रियाएं करवाईं। वो न केवल उसकी मौत के बाद भी उसका दीवाना बना रहा, बल्कि अपने खर्च पर एक सुंदर मकबरा भी बनवाया। चौंकाने वाली बात यह थी कि मकबरे की चाबी सिर्फ टैज्लर के पास थी। रोज़ रात वह मकबरे पर जाता, फूल चढ़ाता, एलेना से बातें करता और यहां तक कि वहां टेलीफोन भी लगवा दिया था। वह दावा करता था कि एलेना की आत्मा उससे बात करती है और कहती है कि वह उसे अपने पास घर ले जाए।

जब मृत शरीर बना जीवनसाथी
1933 में, एलेना की मौत के दो साल बाद टैज्लर ने कुछ ऐसा किया, जिसकी कल्पना भी रोंगटे खड़े कर देती है। उसने चुपचाप एलेना का शव मकबरे से निकालकर अपने घर ले आया। अगले सात वर्षों तक, वह उस शव को ऐसे रखता रहा, जैसे वह जिंदा पत्नी हो।

टैज्लर ने लाश को संरक्षित करने के लिए अजीबोगरीब उपाय किए:
-हड्डियों को तार और कोट हैंगर से जोड़ा,
-चेहरा मोम और प्लास्टर से फिर से गढ़ा,
-कांच की आंखें लगाईं,
-एलेना के बालों से विग बनाया,
-परफ्यूम और रसायनों से दुर्गंध छुपाई,
-लाश को कपड़े पहनाए, जेवर पहनाए, और उसे अपने ही बिस्तर में सुलाया।
वह उसके साथ बातें करता, उसे डिनर टेबल पर बिठाता और ऐसे जीता जैसे वह ज़िंदा हो।

 राज़ खुला बहन की नजरों से
1940 में एलेना की बहन को कुछ शक हुआ, और उसने टैज्लर के घर का दौरा किया। वहां पहुंचते ही उसके होश उड़ गए-उसे अपनी बहन की सजाई-संवारी, लेकिन क्षत-विक्षत लाश मिली। तुरंत पुलिस बुलाई गई और टैज्लर को लाश चुराने और अपवित्र करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

 सजा नहीं, बल्कि सहानुभूति!
अद्भुत बात यह रही कि कानूनी कारणों (Statute of Limitations) की वजह से टैज्लर पर कोई मुकदमा नहीं चल पाया। और भी हैरानी की बात यह थी कि जनता ने उसे अपराधी नहीं, बल्कि "सच्चा प्रेमी" बताया। अखबारों में टैज्लर को Tragedy Lover  कहा गया। जब एलेना का शव पुलिस ने बरामद किया, तो फ्यूनरल होम में उसे आम जनता को भी दिखाया गया, जिसे देखने 6,000 लोग पहुंचे। इसके बाद एलेना को गुप्त कब्र में फिर से दफनाया गया ताकि कोई उसे दोबारा न निकाल सके।

 टैज्लर की मौत और रहस्यमयी गुड़िया
1952 में टैज्लर की मृत्यु हुई। कहा जाता है कि उसके पास एक गुड़िया थी, जो हूबहू एलेना जैसी दिखती थी। उसने अपनी अंतिम सांस भी उसके साथ ही ली।

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