जाटों के बाद राजपूतों ने की आरक्षण की मांग, सरकार के समक्ष रखीं ये मांगे

Edited By ,Updated: 23 Feb, 2016 02:02 AM

for reservation of rajput

हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर भले ही सरकार ने उनकी मांगें मान ली हों लेकिन अब जाटों के बाद राजपूत समाज भी आरक्षण के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

जयपुर: हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर भले ही सरकार ने उनकी मांगें मान ली हों लेकिन अब जाटों के बाद राजपूत समाज भी आरक्षण के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। राजपूतों के अग्रणी संगठन राजपूत करणी सेना ने देशव्यापी स्तर आरक्षण आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे डाली है।
 
राजपूतों के करणी सेना ने जयपुर में आंदोलन शुरू किए जाने की चेतावनी देते हुए कहा है कि राजपूत आरक्षण महाआंदोलन राष्ट्रीय स्तर का होगा। इस आंदोलन की शुरुआत राजस्थान के अलावा दिल्ली, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक साथ की जाएगी। अब तक आरक्षण की मांग को शान्तीपूर्ण और अनुशासन के तरीके से सरकार तक पहुंचाया है, लेकिन अब तक उन्हें आरक्षण के नाम पर सिर्फ मीठी गोली ही मिली। अब अनुशासन की परीक्षा ख़त्म हो गई है। लिहाज़ा करणी सेना ने फैसला लिया है कि अब मांगों को उग्र आंदोलन के ज़रिए ही मनवाया जाएगा।
 
ये हैं राजपूतों की मांगें
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कृषक राजपूत वर्ग को आरक्षण देने का निर्णय लिया था। लेकिन आज तक कृषक राजपूत आरक्षण नहीं दिया गया है, जिसे तुरंत प्रभाव से लैगून करवाया जाए।
 
पूर्व में ओबीसी आयोग और सरकारों की ओर से हुए सर्वे के आधार पर राजपूत समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन इस सिलसिले में भी कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया।
 
पाक विस्थापित नागरिकों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए जिसकी अनुशंसा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी की जा चुकी है।

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