ट्रंप की धमकी पर भारत का पलटवार – आलोचना करने वाले खुद कर रहे हैं रूस से कारोबार

Edited By Updated: 05 Aug, 2025 12:11 AM

foreign ministry on trump s talk of increasing tariffs on russian oil

भारत ने रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा उसे निशाना बनाए जाने को अनुचित और अविवेकपूर्ण कदम करार देते हुए कहा है कि किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय...

नेशनल डेस्कः भारत ने रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा उसे निशाना बनाए जाने को अनुचित और अविवेकपूर्ण कदम करार देते हुए कहा है कि किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार देर रात एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस मामले में भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से रूस से तेल आयात करने के कारण भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर है।

दरअसल, भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों की स्थिरता को मज़बूत करने के लिए भारत द्वारा ऐसे आयातों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था। प्रवक्ता ने कहा कि भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। वैश्विक बाज़ार की स्थिति के कारण यह एक अनिवार्य है।

हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि भारत की आलोचना करने वाले वही देश स्वयं रूस के साथ व्यापार में लिप्त हैं। हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाध्यता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 अरब यूरो था। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का व्यापार 17.2 अरब यूरो के क़रीब था । यह उस वर्ष या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफ़ी अधिक है।

वास्तव में, 2024 में यूरोपीय एलएनजी आयात रिकॉर्ड 165 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया। प्रवक्ता ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रखे हुए है। प्रवक्ता ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। 

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