अमेरिका की चेतावनी बेअसर: भारत में 5 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंचा रूसी तेल आयात

Edited By Updated: 12 Dec, 2025 10:35 PM

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भारत ने नवंबर महीने में रूस से कच्चे तेल (Crude Oil) की खरीद में भारी बढ़ोतरी की है। एक यूरोपीय थिंक टैंक CREA (Centre for Research on Energy and Clean Air) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने नवंबर में रूस से लगभग EUR 2.6 बिलियन मूल्य का कच्चा तेल खरीदा।

नेशनल डेस्कः भारत ने नवंबर महीने में रूस से कच्चे तेल (Crude Oil) की खरीद में भारी बढ़ोतरी की है। एक यूरोपीय थिंक टैंक CREA (Centre for Research on Energy and Clean Air) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने नवंबर में रूस से लगभग EUR 2.6 बिलियन मूल्य का कच्चा तेल खरीदा। यह आंकड़ा अक्टूबर की तुलना में करीब 4% ज्यादा है और 5 महीने का सबसे ऊंचा स्तर भी है। भारत ने रूस से खरीदे गए इन बैरल्स में से बड़ी मात्रा को रिफाइन कर ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों को एक्सपोर्ट भी किया।

भारत बना रूस का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

CREA की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा रूस का तेल खरीदने वाला देश – चीन (47%), दूसरे स्थान पर – भारत (38%) तीसरे स्थान पर – तुर्की (6%) और यूरोप – 6%। यानी अकेले चीन और भारत मिलकर रूस का लगभग 85% फॉसिल फ्यूल खरीद रहे हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि युद्ध से पहले रूस का हिस्सा भारत के कुल तेल आयात में 1% से भी कम था। अब यही हिस्सा बढ़कर 40% के पीक स्तर तक पहुंच चुका है। इसकी वजह है भारी डिस्काउंट पर मिलने वाला रूसी तेल।

अमेरिकी पाबंदियों के बावजूद भारत ने बढ़ाई खरीद

अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस की दो बड़ी कंपनियों— Rosneft और Lukoil पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। इसका असर भारत की निजी रिफाइनरियों पर पड़ा। रिलायंस, HPCL, MRPL जैसी प्राइवेट कंपनियों ने अस्थाई तौर पर रूसी तेल की खरीद रोक दी। लेकिन IOC (Indian Oil Corporation) जैसी सरकारी कंपनियां अभी भी उन रूसी सप्लायरों से तेल खरीद रही हैं जिन पर पाबंदी नहीं लगी है। CREA कहता है कि प्राइवेट कंपनियों ने आयात कम किया लेकिन सरकारी रिफाइनरियों ने नवंबर में आयात 22% बढ़ा दिया

भारत का रूसी तेल सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए नहीं

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। खरीदा गया तेल सिर्फ पेट्रोल-डीजल बनाने में ही नहीं जाता, बल्कि इसका बड़ा हिस्सा विदेशों को रिफाइंड फ्यूल के रूप में एक्सपोर्ट भी होता है। नवंबर में भारत और तुर्की की कुल 6 रिफाइनरियों ने EUR 807 मिलियन के रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए। इनमें से EUR 301 मिलियन का फ्यूल रूसी कच्चे तेल से तैयार किया गया था।

ऑस्ट्रेलिया को भारत के एक्सपोर्ट में 69% की जोरदार बढ़ोतरी

रिपोर्ट में बताया गया कि नवंबर में भारत से ऑस्ट्रेलिया को भेजा गया फ्यूल एक्सपोर्ट 69% बढ़ा। यह सारा फ्यूल रिलायंस जामनगर रिफाइनरी से भेजा गया। इसके अलावा कनाडा को भी 8 महीने के अंतराल के बाद ऐसे शिपमेंट मिले जिनमें रूसी तेल से तैयार फ्यूल था।

यूरोप ने भले प्रतिबंध लगाया हो, लेकिन अन्य देशों को कोई रोक नहीं

यूरोपीय यूनियन (EU) ने रूसी तेल या रूसी तेल से बने फ्यूल के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने ऐसा कोई प्रतिबंध लागू नहीं किया है। यही वजह है कि भारतीय रिफाइनरियाँ वहाँ आसानी से फ्यूल एक्सपोर्ट कर पा रही हैं।

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