Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2025 01:41 PM

बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा पर पूर्व भारतीय उच्चायुक्तों ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कमजोर शासन, कट्टरपंथी ताकतों और भीड़ हिंसा को अराजकता का कारण बताया। भारतीय दूतावासों और कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भारत सतर्क है।
Dhaka: बांग्लादेश में इंकिलाब मंचो के नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा और विरोध प्रदर्शनों को लेकर भारत के पूर्व शीर्ष राजनयिकों ने गंभीर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि देश में कमज़ोर शासन, कट्टरपंथी तत्वों की सक्रियता और भीड़तंत्र बांग्लादेश को अराजकता की ओर धकेल रहे हैं। भारत के पूर्व उच्चायुक्त पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने कहा कि मौजूदा हालात का फायदा दक्षिणपंथी, आपराधिक और इस्लामिक कट्टर ताकतें उठा रही हैं। उन्होंने कहा,“शासन बहुत कमजोर है। ऐसे में ये तत्व हालात का फायदा उठाकर हिंसा फैला रहे हैं।”
पूर्व भारतीय उच्चायुक्त रिवा गांगुली दास ने घटनाक्रम को “बेहद चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में कुछ सरकारी सलाहकारों द्वारा भीड़ हिंसा को जायज़ ठहराया गया, जिससे हालात और बिगड़ गए। उन्होंने साफ कहा,रिवा गांगुली दास ने कहा कि मौजूदा हालात में भारत की पहली प्राथमिकता बांग्लादेश में तैनात भारतीय उच्चायुक्त, सहायक उच्चायुक्त और सभी राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय मिशनों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में रिक्शे से जा रहे शरीफ उस्मान हादी को करीब से गोली मार दी गई थी। गंभीर हालत में उन्हें 15 दिसंबर को सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
हादी की मौत के बाद ढाका लगातार प्रदर्शन, तोड़फोड़ और हिंसा देखने को मिली। कई मौकों पर भारतीय प्रतिष्ठानों के खिलाफ नारेबाज़ी और हमलों की खबरें भी सामने आईं, जिससे भारत की चिंता और बढ़ गई। इस बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने दावा किया है कि हादी की हत्या के बाद फैली हिंसा फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले देश में अस्थिरता पैदा करने की साजिश है।हालांकि, इंकिलाब मंचो ने अपने समर्थकों से जनाजे के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन ढाका अब भी तनावपूर्ण बना हुआ है।