Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Nov, 2019 07:45 AM
आज 16 नवम्बर को मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। अत: इस शुभ दिन श्री गणेश चतुर्थी व्रत मनाया जाएगा। पंचांग मतभेद के कारण बहुत सारे स्थानों पर कल यानि 15 नवम्बर को भी इस व्रत का पालन किया गया।
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आज 16 नवम्बर को मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। अत: इस शुभ दिन श्री गणेश चतुर्थी व्रत मनाया जाएगा। पंचांग मतभेद के कारण बहुत सारे स्थानों पर कल यानि 15 नवम्बर को भी इस व्रत का पालन किया गया। आज चतुर्थी तिथि शाम 7.15 तक रहने वाली है।
आप में व्रत रखने की सामर्थ्य नहीं है तो सुबह और शाम गणेश जी की पूजा अवश्य करें। संभव हो तो सारा परिवार मिलकर पूजा में भाग ले। वैसे तो गणपति जी की पूजा सदा ही मंगलकारी है लेकिन मान्यता है गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणपति जी की अर्चना से अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि, सिद्धि की उपलब्धि सहज ही हो जाती है। ऐसे विघ्न विनाशक भगवान श्रीगणेश का निम्र मंत्रों से जप करने से विघ्न, आलस्य, रोग आदि का तत्काल निवारण होता है।
गणपति जी का बीज मंत्र ‘गं’ है। इनसे युक्त मंत्र ॐ गं गणपतये नम:’ का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है : ॐ वक्रतुंडाय हुम्म्
किसी के द्वारा अनिष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने, विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करनी चाहिए। इनका जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, बताशा, सुपारी होनी चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है।