Edited By Parminder Kaur,Updated: 24 Mar, 2024 12:39 PM
जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन के अनुसार, भारत और जर्मनी एशिया, अफ्रीका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों में सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से त्रिकोणीय सहयोग परियोजनाओं पर सहयोग कर रहे हैं। यह एक नई परियोजना है, जिसे हमने एक साथ विकसित किया...
इंटरनेशनल डेस्क. जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन के अनुसार, भारत और जर्मनी एशिया, अफ्रीका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों में सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से त्रिकोणीय सहयोग परियोजनाओं पर सहयोग कर रहे हैं। यह एक नई परियोजना है, जिसे हमने एक साथ विकसित किया है, जहां हम सहयोग करते हैं और मुझे लगता है कि यह बहुत दिलचस्प है क्योंकि भारतीय तकनीकी और जर्मन तकनीकी विशेषज्ञ दोनों एक साथ आते हैं। हमने घाना, बेनिन, मलावी, अफ्रीका, पेरू और लैटिन अमेरिका में परियोजनाएं शुरू कर दी हैं।
ये परियोजनाएं मुख्य रूप से टिकाऊ खेती और कृषि पर ध्यान केंद्रित करती हैं, इस क्षेत्र में भारत-जर्मन विशेषज्ञता का लाभ उठाती हैं। राजदूत एकरमैन द्वारा उल्लिखित एक उल्लेखनीय पहल 'हरित और सतत विकास के लिए भारत-जर्मन साझेदारी' (जीएसडीपी) है, जिसे मई 2022 में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के बीच वार्ता के बाद स्थापित किया गया था। जीएसडीपी का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करना है। जीएसडीपी का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होना, जलवायु परिवर्तन को कम करना, प्रकृति का संरक्षण करना, प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना और शहरों को स्मार्ट और अधिक उत्सर्जन-मुक्त बनाना है। इसलिए यह उन चीजों का एक पूरा पैकेज है जिसे हम इस हरित सतत विकास साझेदारी की छत्रछाया में एकत्र कर रहे हैं।
व्यापक भारत-जर्मनी संबंधों पर टिप्पणी करते हुए राजदूत एकरमैन ने वर्ष की दूसरी छमाही में महत्वपूर्ण विकास की आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा- हम इस साल की बड़ी दूसरी छमाही का इंतजार कर रहे हैं और हम अंतर-सरकारी परामर्श की प्रतीक्षा कर रहे हैं और एक बार चुनाव खत्म हो जाने के बाद नई सरकार का गठन हो जाएगा। हम नई सरकार के साथ एक सुविधाजनक तारीख खोजने के लिए बैठेंगे।