विकसित भारत 2047: महिलाओं को मिलेगा बिजनेस में बढ़ने का मौका, Goldman Sachs और IIMs की साझेदारी

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 09:29 PM

goldman sachs and iims partner to give women opportunities to grow in business

भारत को विकसित राष्ट्र (Viksit Bharat) 2047 बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, गोल्डमैन सैक्स ने देश की महिलाओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की है। इस वैश्विक पहल '10,000 Women Initiative' को अब...

नेशनल डेस्कः भारत को विकसित राष्ट्र (Viksit Bharat) 2047 बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, गोल्डमैन सैक्स ने देश की महिलाओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की है। इस वैश्विक पहल '10,000 Women Initiative' को अब भारत में और विस्तार दिया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के तहत अब दो प्रमुख संस्थानों — IIM लखनऊ का एंटरप्राइज इनक्यूबेशन सेंटर (IIM-L EIC) और IIM अहमदाबाद को शैक्षणिक भागीदार के रूप में जोड़ा गया है। पहले से ही IIM बैंगलोर (NSRCEL) इस कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है।

क्या है '10,000 Women Initiative'?

यह एक वैश्विक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य है:

महिला उद्यमियों को बिजनेस शिक्षा, मेंटोरशिप (मार्गदर्शन), नेटवर्किंग और पूंजी (कैपिटल) तक पहुंच उपलब्ध कराना। अब भारत में तीन IIM संस्थानों की साझेदारी के साथ, यह पहल और अधिक महिला उद्यमियों तक पहुंच बनाने जा रही है।

इस पहल के प्रमुख लक्ष्य

  • अगले एक साल में 1,000 महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित करना

  • 2033 तक कुल 10,000 महिला उद्यमियों तक पहुंच बनाना (जो वर्तमान में लगभग 3,800 है)

  • महिलाओं को उनके बिजनेस को विकसित, स्केल और लीड करने में मदद करना

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना

 IIM और गोल्डमैन सैक्स के प्रमुखों के विचार

गोल्डमैन सैक्स इंडिया के चेयरमैन और CEO, सोनजॉय चटर्जी ने कहा: "हम भारत में महिला उद्यमियों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोगुना कर रहे हैं। IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी से शिक्षा, मार्गदर्शन और नेटवर्किंग का जबरदस्त संयोजन तैयार होगा, जिससे महिलाएं भारत की ग्रोथ स्टोरी की रीढ़ बनेंगी।"

IIM अहमदाबाद के निदेशक, प्रो. भरत भास्कर ने कहा: "महिलाओं को पूंजी और नेटवर्क तक पहुंचने में जो संरचनात्मक बाधाएं हैं, उन्हें यह कार्यक्रम दूर करेगा। हम शैक्षणिक विशेषज्ञता और वैश्विक पहुंच को मिलाकर एक मजबूत उद्यमिता इकोसिस्टम बना सकते हैं।"

IIM लखनऊ के निदेशक, प्रो. एम.पी. गुप्ता ने कहा: "महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना सिर्फ बाधाएं हटाने की बात नहीं है, बल्कि ऐसा माहौल बनाना है जिससे नई पीढ़ियों तक प्रेरणा पहुंचे। यह पहल महिलाओं को आगे बढ़ने, बिजनेस बढ़ाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर देगी।"

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना क्यों ज़रूरी है?

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट 'India Womenomics' के अनुसार: भारत की जनसांख्यिकीय स्थिति (demographics) आने वाले 20 वर्षों में उसे वैश्विक लाभ दिला सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। वर्तमान में भारत में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर (Labour Force Participation Rate) दुनिया के अन्य विकसित या उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है। अगर महिलाओं को उद्यमिता और रोजगार में बराबर मौका मिले, तो भारत की आर्थिक विकास दर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।

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