Edited By Mansa Devi,Updated: 06 Sep, 2025 10:40 AM

केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी (GST) पूरी तरह खत्म कर दिया है। पहले इन दवाओं पर 5% से लेकर 12% तक टैक्स लगता था, लेकिन अब इनकी कीमत में सीधी...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी (GST) पूरी तरह खत्म कर दिया है। पहले इन दवाओं पर 5% से लेकर 12% तक टैक्स लगता था, लेकिन अब इनकी कीमत में सीधी कमी आएगी। यह कदम उन लाखों मरीजों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें इलाज के भारी-भरकम खर्च से जूझना पड़ता था।
इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों पर भी जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे अस्पताल और सर्जरी से जुड़े खर्चों में भी कमी आएगी।
किन दवाओं और उपकरणों पर हुई बचत?
कैंसर की दवाएं: सरकार ने 30 से ज़्यादा लाइफ-सेविंग दवाओं को जीएसटी से पूरी छूट दी है। इनमें एस्किमिनिब, डाराटुमुमाब, मेपोलिज़ुमाब जैसी महत्वपूर्ण दवाएं शामिल हैं।
चिकित्सा उपकरण: थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट और बैंडेज जैसे रोजमर्रा के मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी 12-18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रोहित कपूर के अनुसार, इस फैसले से मरीजों को सीधे तौर पर कई फायदे होंगे।
सर्जरी कराने वाले मरीजों को क्या फायदा होगा?
दवाओं पर सीधी बचत: कैंसर की सर्जरी से पहले और बाद में दी जाने वाली महंगी दवाओं पर जीएसटी शून्य होने से इलाज की लागत सीधे घटेगी। एक मरीज के लिए लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
उपकरणों पर भी राहत: सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले बैंड-एड, सर्जिकल गज और अन्य डिस्पोजेबल किट्स अब 5% कम टैक्स पर मिलेंगे।
कुल मिलाकर आर्थिक बोझ कम होगा: डॉ. कपूर बताते हैं कि कीमोथेरेपी या टार्गेटेड थेरेपी में उपयोग होने वाली दवाओं पर पहले 12% तक जीएसटी लगता था, जो अब पूरी तरह खत्म हो गया है। इससे इलाज का कुल खर्च कम होगा और मरीजों को बीच में उपचार छोड़ने की नौबत नहीं आएगी।