इन तीन राज्यों तक जाएगी गुजरात के नतीजों की गूंज, क्या मोदी फैक्टर करेगा काम?

Edited By Yaspal,Updated: 08 Dec, 2022 11:50 PM

gujarat results will affect these three states will modi factor work

गुजरात के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को एतिहासिक जीत के साथ नई इबारत लिख दी है। गुजरात में नरेंद्र और भूपेंद्र की जोड़ी के कमाल से भाजपा ने अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 182 सीटों में से 156 सीटों पर जीत दर्ज की है

नेशनल डेस्कः गुजरात के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को एतिहासिक जीत के साथ नई इबारत लिख दी है। गुजरात में नरेंद्र और भूपेंद्र की जोड़ी के कमाल से भाजपा ने अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 182 सीटों में से 156 सीटों पर जीत दर्ज की है। गुजरात में भाजपा को एकतरफा करीब 53 फीसदी वोट शेयर मिला है। गुजरात के चुनाव अगले साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर असर डालेंगे? अगले साल देखना दिलचस्प होगा कि क्या मोदी फैक्टर इन राज्यों में काम करेगा? इन राज्यों में मोदी की गुजरात के नतीजों की गूंज सुनाई देगी?

गुजरात से सटे इन राज्यों में बढ़ी कांग्रेस की धड़कनें
गुजरात में भाजपा की बड़ी जीत से सीमाओं राज्यों में कांग्रेस की धड़कनों को तेज कर दिया है। दरअसल, गुजरात से राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमाएं लगती हैं। इनमें से राजस्थान में काग्रेस की और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की सरकार है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल चुनाव हैं। ऐसे में भाजपा गुजरात मॉडल के सहारे राजस्थान में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकती है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
उधर, मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार में है। गुजरात के नतीजे भाजपा को राहत देने वाले हो सकते हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में भाजपा की शिवराज सरकार को 15 साल बाद सत्ता से उखाड़ फेंका था। कांग्रेस ने 2018 में 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली थी। तब कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन 15 महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी हो गए और करीब 15 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। साल 2020 में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए। एक तरफ मध्य प्रदेश में भाजपा के सामने सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है। दूसरी तरफ कांग्रेस खोई हुई सत्ता वापस पाने की कोशिश करेगी। कांग्रेस के सामने शिवराज के साथ नरेंद्र मोदी भी सबसे बड़ी चुनौती होंगे?

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के सामने बड़ी चुनौती
तकरीबन मध्य प्रदेश जैसे हालात महाराष्ट्र में भी हैं। साल 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा। लेकिन शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। भाजपा ने इस धोखा बताते हुए कहा था कि यह सरकार पांच साल पूरे नहीं कर पाई। हुआ भी ठीक ऐसा ही। इसी साल जून में शिवसेना के बड़े नेता एकनाथ शिंदे बागी हो गए और करीब 30 विधायकों के साथ असम पहुंच गए। एकनाथ शिंदे भाजपा के सहयोग से सीएम बन गए। साल 2024 में लोकसभा के चुनाव भी होंगे और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव। महाविकास अघाड़ी के सामने मोदी फैक्टर से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
 
 



 

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