Edited By Monika Jamwal,Updated: 02 Mar, 2022 08:00 PM
जम्मू-कश्मीर में हंगुल के नाम से चर्चित विलुप्तप्राय हिरण के एक झुंड को दर्शाती वीडियो से इस बात की उम्मीद जगी है कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा इनके संरक्षण के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिलना शुरू हो गया है।
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हंगुल के नाम से चर्चित विलुप्तप्राय हिरण के एक झुंड को दर्शाती वीडियो से इस बात की उम्मीद जगी है कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा इनके संरक्षण के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिलना शुरू हो गया है।
वन्यजीव विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से ट्विटर पर अपलोड की गयी वीडियो में राज्य के जबरवान पर्वतीय रेंज में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान की बर्फ से ढकी ढलानों पर करीब 50 हंगुलों के एक झुंड को देखा जा सकता है।
वन्यजीव वार्डन राशिद नकाश ने वीडियो के साथ ही यह भी लिखा, "जब मैं दाचीगाम में हंगुल के एक झुंड को देखता हूं तो भविष्य अच्छा दिखता है।"
इसके झुंड का आकार बहुत ही मायने रखता है और उम्मीद जगी है कि राष्ट्रीय उद्यान के दूसरे हिस्सों में भी ऐसे कई झुंड होंगे, जहां बर्फ के कारण फिलहाल लोगों की पहुंच नहीं है।
बीसवीं सदी में कश्मीर घाटी के पर्वतीय इलाकों में ये हंगुल बड़ी संख्या में पाये जाते थे और इनकी अनुमानित संख्या पांच हजार के करीब थी, लेकिन उनके शिकार और प्राकृतिक पर्यावास के अतिक्रमण के कारण इनकी संख्या १९७० में १५० रह गयी थी।
जम्मू कश्मीर सरकार ने आईयूसीएन और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ मिलकर 'प्रोजेक्ट हंगुल' नामक संरक्षण योजना शुरू की थी। उसके बाद से धीरे-धीरे ही सही, लेकिन इनकी संख्या बढ़ी है।
वर्ष 2019 में करायी गयी गणना से इस बात का खुलासा होता है कि कश्मीरी लाल हिरण की संख्या अब २३७ तक पहुंच गयी है।