Landslide Alert: हिमाचल में भारी बारिश से तबाही, 36 घंटे में 6 की मौत, 398 सड़कें बंद, तीर्थ यात्राएं स्थगित

Edited By Updated: 22 Jul, 2025 09:34 AM

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हिमाचल प्रदेश में पिछले 36 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। पहाड़ टूटने से कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों सड़कें बंद हो गई...

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में पिछले 36 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। पहाड़ टूटने से कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं। साथ ही बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए पूरी ताकत लगा दी है। बीते डेढ़ दिनों में हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई है जिससे पहाड़ टूट गए और भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो गए। मंडी, कुल्लू, चंबा, शिमला जैसे जिलों में भारी नुकसान हुआ है। तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 398 सड़कें बंद हो गई हैं। भारी बारिश के चलते बिजली ट्रांसफार्मर भी 682 ठप हो गए हैं जिससे कई क्षेत्रों में बिजली कटौती जारी है। इसके साथ ही 151 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद

मौसम विभाग ने मंडी, शिलाई, कोटखाई और थुनाग उपमंडलों में भारी बारिश के कारण सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को भी कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने ऊना, हमीरपुर, सोलन और बिलासपुर जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।

नेशनल हाईवे बंद, यातायात थमा

चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) पर दवाड़ा के पास भूस्खलन से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। हजारों वाहन और यात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन और एनएचएआई की टीम मार्ग को खोलने के लिए प्रयासरत है लेकिन काम में समय लग सकता है। कुल्लू जिले में भी कांडी-कटौला सड़क राहला-रोपा के पास वाहनों की खराबी के कारण मार्ग जाम हो गया है। दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही बाधित है।

अलग-अलग जगहों पर दर्दनाक मौतें

सिर्फ 36 घंटे में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 5 लोगों की मौत भूस्खलन और डूबने की वजह से हुई है। लाहौल स्पीति में दो नेपाली बच्चियां पानी के टैंक में नहाने के दौरान डूब गईं। चंबा में भूस्खलन से एक दंपति की मौत हो गई जो अपने कमरे में सो रहे थे। सुंदरनगर में खड्ड पार करते समय 20 वर्षीय युवक रोहित कुमार बह गया। शिमला के रामपुर क्षेत्र में सड़क से ऊपर पहाड़ी से बड़े बोल्डर गिरने से एक पिकअप वाहन क्षतिग्रस्त हुआ, जिसमें दो लोग घायल हुए।

धार्मिक यात्राएं स्थगित

भारी बारिश के कारण कुल्लू में श्रीखंड महादेव यात्रा और किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा एक दिन के लिए रोक दी गई हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें बेस कैंप में रुकने के निर्देश दिए गए हैं। कुल्लू और किन्नौर के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। करीब 6900 श्रद्धालु अब तक इन यात्राओं में शामिल हो चुके हैं।

पुलों और रेलवे ट्रैक को नुकसान

कांगड़ा जिले के नूरपु में चक्की दरिया पर बना पुल तेज बहाव के कारण नीचे से धंसने लगा है। यह पुल हिमाचल और पंजाब को जोड़ता है। उसी समय एक ट्रेन इस पुल से गुजर रही थी जिससे बड़ा हादसा टल गया। इसके अलावा इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। सेना और प्रशासन वैकल्पिक मार्ग बनाने में जुटे हुए हैं।

बस मलबे में फंसी लेकिन बड़ा हादसा टला

सिरमौर जिले के संगडाह क्षेत्र में एक निजी बस भारी मलबे के बीच धंस गई लेकिन चालक की सूझबूझ से बस नीचे नहीं गिरी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। इस बस में 15 लोग सवार थे। मंडी जिले के सराज क्षेत्र में भी भारी बारिश के बाद नाले उफान पर आ गए हैं, जहां 1 जुलाई की आपदा के बाद से राहत और खोज अभियान चल रहा है। अब तक 15 शव मिले हैं जबकि 27 लोग लापता हैं।

मॉनसून ने हिमाचल को किया बेहाल, 1246 करोड़ का नुकसान

प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 20 जून से अब तक मॉनसून की वजह से हिमाचल को 1246 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। 1162 घर, 1005 पशुशालाएं और 276 दुकानें पूरी तरह जमींदोज हो चुकी हैं। भारी बारिश और बाढ़ के कारण 1296 मवेशी और 21,500 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं। बिजली और जलापूर्ति की सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। प्रशासन लगातार राहत कार्य कर रहा है लेकिन मौसम अभी भी खराब है।

प्रशासन की अपील और सावधानियां

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें। साथ ही घरों की सुरक्षा करें और बारिश के दौरान सतर्क रहें। पुलिस, प्रशासन और राहत टीम प्रभावित इलाकों में लगातार काम कर रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेना जरूरी है।

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