बैंकों की मनमानी पर RBI भी दिख रही बेबस, मिनिमम बैलेंस के नाम पर जेब कटाई जारी

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 03:32 PM

icici bank minimum balance hike 2025 impact on customers

देश के प्रमुख निजी बैंकों में शामिल ICICI बैंक ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है, जो पहले ₹10,000 थी। यह नई व्यवस्था 1 अगस्त 2025 से लागू...

नेशनल डेस्क: देश के प्रमुख निजी बैंकों में शामिल ICICI बैंक ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है, जो पहले ₹10,000 थी। यह नई व्यवस्था 1 अगस्त 2025 से लागू हो गई है और फिलहाल केवल नए खातों पर ही लागू होगी।

क्या कहा ICICI बैंक ने?
ICICI बैंक का कहना है कि यह निर्णय उसकी बैंकिंग नीति के तहत लिया गया है। बैंक के अनुसार, यह बदलाव केवल नए ग्राहकों के लिए लागू किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम एक व्यापक ट्रेंड की ओर इशारा करता है, जहां बैंक अब अधिक संपन्न ग्राहकों को टारगेट कर रहे हैं और आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं।

RBI ने क्या कहा?
बैंक के इस फैसले पर ग्राहकों की नाराजगी बढ़ने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हस्तक्षेप करेगा। लेकिन RBI गवर्नर ने साफ किया कि किसी बैंक का मिनिमम बैलेंस तय करना उसका स्वतंत्र व्यावसायिक निर्णय है और इसमें RBI का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

RBI के अनुसार, सिर्फ बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) या जनधन योजना के तहत खोले गए खातों पर मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं होती। बाकी सभी खातों के लिए बैंक अपनी शर्तें खुद तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।

ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में भी बढ़ी लिमिट
ICICI बैंक ने यह बदलाव केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रखा है। अब:

मेट्रो शहरों में: ₹50,000

सेमी-अर्बन (कस्बों) में: ₹25,000 (पहले ₹5,000)

रूरल (ग्रामीण) इलाकों में: ₹10,000 (पहले ₹2,500)

क्यों वसूला जा रहा है ज्यादा मिनिमम बैलेंस?
विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकों की प्राथमिकता अब उन ग्राहकों की ओर बढ़ रही है जो अधिक पैसा खाते में रख सकें। इससे बैंक ज्यादा निवेश कर मुनाफा कमा सकते हैं। कम बैलेंस वाले खाताधारकों से बैंक को अपेक्षाकृत कम फायदा होता है, इसलिए वे अब हाई-नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) को टारगेट कर रहे हैं।

सरकारी बैंकों में अब भी राहत
जहां प्राइवेट बैंक मिनिमम बैलेंस की सीमा लगातार बढ़ा रहे हैं, वहीं SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंकों में अब भी यह सुविधा बनी हुई है। SBI ने तो 2020 में ही मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था। वहीं HDFC बैंक जैसे प्राइवेट बैंक में अभी भी मिनिमम बैलेंस की व्यवस्था है, पर ICICI के मुकाबले काफी कम है — जैसे:

मेट्रो शहरों में: ₹10,000

कस्बों में: ₹5,000

ग्रामीण इलाकों में: ₹2,500

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