Edited By Harman Kaur,Updated: 31 Jul, 2025 12:07 PM

कई लोग मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाए, तो बैंक उसके नाम पर लिया गया लोन माफ कर देता है। लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग है। चाहे वह होम लोन हो, कार लोन या पर्सनल लोन- कर्जदार की मृत्यु के बाद भी बैंक अपनी राशि वसूल की वसूली करता है। आइए...
नेशनल डेस्क: अकसर ही कुछ लोगों के मन एक सावल उठता है कि अगर लोन लेने वाले की अचानक मृत्यु हो जाए, तो क्या बैंक कर्ज माफ कर देता है? इसका जवाब है—नहीं। चाहे वह होम लोन हो, कार लोन या पर्सनल लोन- कर्जदार की मृत्यु के बाद भी बैंक अपनी राशि की वसूली करता है। आइए जानते हैं कि बैंक किससे वसूलता है लोन...
होम लोन में क्या होता है?
अगर उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक सबसे पहले सह-उधारकर्ता (co-borrower) से संपर्क करता है। अगर सह-उधारकर्ता मौजूद नहीं है, तो बैंक लोन गारंटर या कानूनी उत्तराधिकारी से संपर्क कर बकाया राशि की मांग करता है। यदि लोन बीमा कराया गया हो, तो बीमा कंपनी से भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाती है। कोई भी उपाय नहीं बचने पर, बैंक संपत्ति की नीलामी करके अपनी राशि वसूलने का अधिकार रखता है।
कार लोन में बैंक क्या करता है?
कार लोन की स्थिति में, अगर उधारकर्ता का निधन हो जाए, तो बैंक परिवार या उत्तराधिकारी से संपर्क करता है। यदि वे भुगतान नहीं करते, तो बैंक वाहन को जब्त कर उसे नीलामी में बेच देता है ताकि बकाया राशि की भरपाई हो सके।
पर्सनल या क्रेडिट कार्ड लोन
अनसिक्योर्ड लोन की स्थिति में—जैसे पर्सनल या क्रेडिट कार्ड लोन—अगर उधारकर्ता का निधन हो जाता है, तो बैंक कानूनी उत्तराधिकारियों पर दबाव नहीं बना सकता। यदि कोई सह-उधारकर्ता हो, तो उस पर वसूली का दबाव डाला जाता है। नहीं होने पर बैंक उस लोन को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर देता है।