Edited By Mansa Devi,Updated: 21 Aug, 2025 04:02 PM

भारत के खुदरा क्षेत्र के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। डेलॉइट और फिक्की की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुदरा बाज़ार 2030 तक $1.93 ट्रिलियन (करीब ₹161 लाख करोड़) तक पहुँच सकता है। यह साल 2024 के $1.06 ट्रिलियन के मुक़ाबले लगभग दोगुना है। रिपोर्ट...
नेशनल डेस्क: भारत के खुदरा क्षेत्र (Retail Sector) के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। डेलॉइट और फिक्की की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुदरा बाज़ार 2030 तक $1.93 ट्रिलियन (करीब ₹161 लाख करोड़) तक पहुँच सकता है। यह साल 2024 के $1.06 ट्रिलियन के मुक़ाबले लगभग दोगुना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू बाज़ार में मजबूत मांग और वैश्विक व्यापार अस्थिरता से भारत को बचाने की क्षमता इस बढ़ोतरी के मुख्य कारण हैं।
किन वजहों से हो रही है यह ग्रोथ?
बढ़ती क्रय शक्ति: भारत में, खासकर जनरेशन ज़ेड (Gen Z) के पास $250 बिलियन की खर्च करने की क्षमता है, जिससे घरेलू मांग लगातार बढ़ रही है।
डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन मार्केट: रिपोर्ट बताती है कि 73% ग्राहक अब ऑनलाइन बाज़ार से प्रभावित होकर खरीदारी करते हैं। वहीं, यूट्यूब रिव्यू और दोस्तों की सलाह भी मार्केटिंग का एक भरोसेमंद विकल्प बन गई है।
क्विक कॉमर्स का उछाल: भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जहाँ क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) 80 से ज़्यादा शहरों में तेज़ी से फैल रहा है। 2030 तक इसका बाज़ार $35 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।
'मेड इन इंडिया' का विस्तार: नए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और टैरिफ में सुधार से 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को वैश्विक बाज़ार में पहुँचने में आसानी हो रही है।
फिक्की के कुमार वेंकटसुब्रमण्यन ने बताया कि भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से पहले ही 17% FMCG खपत हो रही है, जिसमें क्विक कॉमर्स का योगदान 35% है। यह दिखाता है कि ग्राहक अब केवल सामान नहीं खरीद रहे, बल्कि उनके खरीदारी करने का तरीका भी बदल रहा है।