ऑक्सफोर्ड के फर्जी दावे ने बिगाड़ी किस्मत ! ब्रिटेन में टॉप भारतीय वकील पर लगा बैन, क्रिकेट क्लब अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा

Edited By Updated: 17 Sep, 2025 06:29 PM

indian lawyer banned for falsely claiming medical education from oxford

ब्रिटेन के एक न्यायाधिकरण ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से चिकित्सा की पढ़ाई का झूठा दावा करने वाले भारतीय मूल के एक वकील को पेशेवर कदाचार के आरोप में दोषी करार देते हुए ...

London: ब्रिटेन के एक न्यायाधिकरण ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से चिकित्सा की पढ़ाई का झूठा दावा करने वाले भारतीय मूल के एक वकील को पेशेवर कदाचार के आरोप में दोषी करार देते हुए प्रतिबंधित कर दिया है। अनुराग मोहिंद्रू (50) पर ‘बार स्टैंडर्ड बोर्ड' ने भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिससे कानूनी पेशे में भरोसा खत्म होने की आशंका थी। ‘बार स्टैंडर्ड बोर्ड' ने पिछले हफ्ते एक स्वतंत्र अनुशासनात्मक न्यायाधिकरण से कहा कि अनुराग ने नवंबर 2012 में 23 एसेक्स स्ट्रीट चैंबर में पद के लिए आवेदन देते समय कानूनी पेशे को बदनाम किया। बोर्ड ने इस हफ्ते जारी बयान में कहा, “अनुराग ने अपने बायोडाटा में दावा किया कि उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से बायोमेडिकल साइंस/मेडिसिन की पढ़ाई की है, जबकि उन्होंने ऐसा नहीं किया था।”

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बयान के मुताबिक, “न्यायाधिकरण ने पाया कि यह व्यवहार बार के सदस्यों से अपेक्षित मानकों का गंभीर उल्लंघन था। अनुराग को भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाते हुए न्यायाधिकरण ने फैसला लिया कि उन्हें प्रतिबंधित करने का आदेश देना ही उचित होगा। किसी अपील के लंबित रहने तक उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है।'' न्यायाधिकरण ने कहा कि अनुराग ने एसेक्स स्ट्रीट चैंबर में पद के लिए आवेदन के दौरान अपने बायोडाटा में गलत जानकारी देकर पेशेवर कदाचार का प्रदर्शन किया। उसने अनुराग को अपील की 54,780 पाउंड की कानूनी लागत का भुगतान करने का आदेश भी दिया। बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, “जनता और पेशेवर लोग यह उम्मीद करते हैं कि चैंबर में पदों के लिए आवेदन करते समय वकील ईमानदारी बरतेंगे।”

 

उन्होंने कहा, “इस तरह की बेईमानी वकीलों और इस पूरे पेशे में जनता के भरोसे को कमजोर करती है। अनुराग को निष्कासित करने का न्यायाधिकरण का फैसला इस कदाचार की गंभीरता और बार की अखंडता को बनाए रखने के महत्व को दर्शाता है।” वरिष्ठ कानूनी पेशेवर के रूप में किंग्स काउंसिल (केसी) की उपाधि रखने वाले अनुराग को साल 2004 में लंदन के ‘मिडिल टेंपल इन' ने ‘बार ऑफ इंग्लैंड और वेल्स' में शामिल किया था। उन्होंने जानबूझकर चैंबर को गुमराह करने से इनकार किया था और वह अपने निलंबन के खिलाफ अपील कर सकते हैं। ‘मिडिल टेंपल इन' इंग्लैंड और वेल्स में वकीलों के चार व्यावसायिक संगठनों में से एक है। न्यायाधिकरण के फैसले के बाद अनुराग ने एसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है। 

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