Edited By Shubham Anand,Updated: 25 Nov, 2025 05:46 PM

अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी JP Morgan ने भविष्यवाणी की है कि 2027 तक ब्रेंट क्रूड की कीमतें गिरकर $30 प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। यह भारत के लिए बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो सकती हैं। उत्पादन में तेजी,...
नेशनल डेस्क : भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। अमेरिकी दिग्गज वित्तीय सेवा कंपनी JP Morgan ने भविष्यवाणी की है कि 2027 तक ब्रेंट क्रूड की कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा और ये कीमतें आधी हो सकती हैं। आइए जानते हैं पूरी बात।
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में हो सकती है भारी गिरावट
JP Morgan के मुताबिक, 2027 तक ब्रेंट क्रूड की कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि तेल की सप्लाई अब डिमांड से बहुत अधिक हो चुकी है। भारत के लिए यह खबर अहम है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा तेल आयात करता है, और इसके लिए भारी रकम चुकानी पड़ती है। अगर कच्चे तेल की कीमतें आधी हो जाती हैं, तो इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है।
आगे क्या होगा?
JP Morgan का कहना है कि आने वाले तीन सालों में तेल की खपत बढ़ेगी, लेकिन तेल उत्पादन भी तेजी से बढ़ेगा। OPEC+ देशों के अलावा अन्य देशों द्वारा भी कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। इससे मार्केट में तेल की अधिकता हो जाएगी और कीमतें गिरने की संभावना है। JP Morgan के अनुसार, 2025 तक तेल की मांग 0.9 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़ेगी, जिससे कुल खपत 105.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के अनुमान
JP Morgan का अनुमान है कि 2027 तक, कच्चे तेल की औसत कीमतें 42 डॉलर तक गिर सकती हैं और साल के अंत तक यह 30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से भी नीचे जा सकती हैं। वर्तमान में ब्रेंट क्रूड की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जिससे यह स्पष्ट है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें आधी होती हैं, तो इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा। इससे भारत सरकार का खर्च कम होगा और तेल कंपनियों को भी मुनाफा होगा। उम्मीद की जा रही है कि तेल कंपनियां इस मुनाफे को आम आदमी तक पहुंचाएंगी, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें मौजूदा स्तर से आधी हो सकती हैं।
यह अनुमान क्यों लगाया गया?
JP Morgan ने यह अनुमान इस आधार पर लगाया है कि 2027 तक तेल की सप्लाई में बढ़ोतरी का लगभग आधा हिस्सा गहरे समुद्र में तेल निकालने की नई तकनीकों और शेल ऑयल के बढ़ते उत्पादन से होगा। गहरे समुद्र से तेल निकालना अब एक सस्ता और भरोसेमंद तरीका बन चुका है। इसके अलावा, 2029 तक तेल निकालने वाले अधिकांश जहाजों का शेड्यूल पहले ही तय हो चुका है, जिससे उत्पादन में और तेजी आने की संभावना है।
अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे भारत सरकार का खर्च कम होगा और आम जनता को भी राहत मिलेगी। भारत, जो कि तेल आयात में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, को इससे बड़ी आर्थिक राहत मिल सकती है।