लद्दाख हिंसा पर अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- 'सत्ता के नशे में चूर होकर अधिकार छीन रही है बीजेपी'

Edited By Updated: 25 Sep, 2025 03:17 PM

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लद्दाख के लेह में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन पर अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाही और अधिकार छीने जाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में चार लोग मारे गए और 80 से अधिक घायल हुए। प्रशासन...

नेशनल डेस्क : लद्दाख के लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केजरीवाल ने इन घटनाओं को "बेहद चिंताजनक" बताते हुए कहा है कि हर देशभक्त को लद्दाख के लोगों का समर्थन करना चाहिए।

केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हमने अंग्रेजों से इसलिए आजादी नहीं ली थी कि जनता उनकी बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए। भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए बलिदान दिया था, ताकि हर भारतीय को अपनी सरकार चुनने का अधिकार मिले।"

आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है। हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए।

हमने अंग्रेज़ों से इसलिए आज़ादी थोड़ी ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए?

भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान…

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 25, 2025

लोकतंत्र को बचाने की अपील
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "आज बीजेपी सत्ता के नशे में चूर होकर एक के बाद एक राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना रही है और संविधान द्वारा दिए गए अधिकार छीन रही है।" उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग सिर्फ अपनी वोट और सरकार चुनने का अधिकार मांग रहे हैं, लेकिन बीजेपी उनकी आवाज को दबा रही है और बार-बार वादा करके भी उन्हें यह अधिकार नहीं दे रही है।

उन्होंने आगे कहा, "लोकतंत्र जनता की आवाज है। जब सरकार इस आवाज को दबाने लगे, तो जनता का यह कर्तव्य है कि वह और बुलंद आवाज में बोले। देश के लोकतंत्र को बचाना है तो इस तानाशाही के खिलाफ अब चुप नहीं बैठा जा सकता। आज लद्दाख की लड़ाई, कल पूरे देश की लड़ाई बन सकती है।"

क्या है पूरा मामला?
लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर बुधवार (24 सितंबर) को हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए। इसके बाद प्रशासन ने लेह में कर्फ्यू लगा दिया और 50 लोगों को हिरासत में लिया। हिंसक घटनाओं के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों से चल रहा अपना अनशन खत्म करने का ऐलान किया।

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