क्या खालिस्तान समर्थक अमृतपाल लड़ सकेगा लोकसभा चुनाव !

Edited By Mahima,Updated: 06 May, 2024 04:05 PM

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असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह संधू (31) भी देश की चुनावी चर्चा में है। अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से बेटे के लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

नेशनल डेस्क: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह संधू (31) भी देश की चुनावी चर्चा में है। अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से बेटे के लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एन.एस.ए.) के तहत जेल में बंद है और हाल ही में पंजाब सरकार ने उसकी एन.एस.ए. कस्टडी को एक साल और बढ़ा दिया है। इस बीच अमृतपाल के चुनावी मैदान में उतरने की खबरों से सियासत भी गरमा गई है। कट्टरपंथी विचारधारा के साथ चुनावी राजनीति में एंट्री करने के दावे से सवाल उठाए जा रहे हैं।

एक कारण से हो सकता है नामांकन रद्द
खडूर साहिब लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा बहस इस बात को लेकर है कि क्या अमृतपाल सिं को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। कानूनी विशेषज्ञों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक एन.एस.ए. मामले में किसी आरोपी के चुनाव लड़ने पर   कोई रोक नहीं है। एकमात्र विरोधाभास यह है कि अमृतपाल ने कहा था कि उन्हें संविधान में कोई आस्था नहीं है और राज्य ने उन पर एन.एस.ए. लगाकर देश का दुश्मन घोषित कर दिया है। तरनतारन के उपायुक्त संदीप कुमार के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार जेल अधीक्षक अमृतपाल को शपथ दिलाएंगे और अधिकारी इसके बारे में रिटर्निंग ऑफिसर को सूचित करेंगे। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पंजाब पुलिस उन्हें नामांकन के दिनों में जालंधर और अमृतसर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों के लिए रिमांड पर ले आती है, तो यह उनके नामांकन को खारिज करने का एक कारण बन सकता है।

पहले भी जेल में रहकर चुनाव लड़ चुके हैं कई नेता
अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें सिमरनजीत सिंह मान जैसे नेता जेल में रहते हुए 1998 में तत्कालीन तरनतारन लोकसभा सीट से चुने गए थे। डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी, जिन्होंने मऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, तीन बार जेल से चुने गए और यहां तक कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि तब से प्रक्रियाओं में कुछ संशोधन हुए हैं जो बाधा बन सकते हैं। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि अमृतपाल को विशेष रूप से चुनाव खर्चों को संभालने के लिए नामांकन दाखिल करने से ठीक एक दिन पहले एक नया बैंक खाता खोलना होगा। आयोग के निर्देशों के अनुसार यह अनिवार्य है।

पंजाब में कुल 13 लोकसभा सीटें हैं। सभी सीटों पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है। खडूर साहिब सीट को शिरोमणि अकाली दल (बादल) का गढ़ माना जाता है। 1992 से इस सीट पर शिअद का दबदबा देखने को मिलता रहा है। हालांकि, 2019 के चुनावों में शिअद को झटका लगा और कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह डिंपा ने जीत हासिल की थी। इस बार चुनाव में शिअद (बादल) ने यहां से पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा को अपना दावेदार बनाया है।

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