Edited By Sahil Kumar,Updated: 23 Sep, 2025 07:50 PM

किडनी स्टोन शरीर में कैल्शियम, ऑक्सालेट या यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने से होता है, जो यूरिन नली ब्लॉक कर दर्द और पेशाब में समस्या पैदा करता है। यह समस्या खराब लाइफस्टाइल और जेनेटिक कारणों से बढ़ती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 20-30% मामले परिवार से...
नेशनल डेस्कः किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को फिल्टर कर उसमें मौजूद टॉक्सिक पदार्थ और अतिरिक्त पानी को निकालता है, जिससे यूरिन बनती है। किडनी शरीर में मिनरल और तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखती है ताकि हमारा शरीर सही तरीके से कार्य कर सके। लेकिन जब पेशाब में कैल्शियम, ऑक्सालेट या यूरिक एसिड जैसे तत्व अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो ये क्रिस्टल बनाकर धीरे-धीरे किडनी स्टोन का रूप ले लेते हैं।
किडनी स्टोन आकार में छोटे से लेकर बड़े तक हो सकते हैं, जो किडनी या यूरिन नली को ब्लॉक कर सकते हैं। पानी कम पीना, अधिक नमक या प्रोटीन का सेवन, खराब जीवनशैली और जेनेटिक कारण किडनी स्टोन बनने के जोखिम को बढ़ाते हैं।
किडनी स्टोन के लक्षण
शुरुआती दौर में किडनी स्टोन ज्यादा परेशानी नहीं देते, लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं तो तेज दर्द, पेशाब में जलन और खून आना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अगर स्टोन लंबे समय तक किडनी या यूरेटर में फंसा रहता है, तो पेशाब रुक सकता है और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है। इससे किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है और गंभीर स्थिति में डायलिसिस या सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। इसके अलावा, किडनी पर दबाव से हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
किडनी स्टोन की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार, लगभग 20 से 30 प्रतिशत मामलों में किडनी स्टोन की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु वर्मा के मुताबिक, कुछ लोगों के शरीर में कैल्शियम, यूरिक एसिड या ऑक्सालेट का स्तर प्राकृतिक रूप से अधिक होता है, जिससे किडनी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, जिन परिवारों में बार-बार किडनी स्टोन बनते हैं, उनमें जीन संबंधी कारण प्रमुख होते हैं। खराब लाइफस्टाइल, कम पानी पीना, अधिक नमक-प्रोटीन लेना और बार-बार UTI होना स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।
कैसे करें बचाव?
- दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- नमक और प्रोटीन के सेवन को नियंत्रित रखें।
- ऑक्सालेट युक्त चीज़ें जैसे पालक, चॉकलेट और चाय का सीमित सेवन करें।
- ताजी सब्ज़ियां और फल डाइट में शामिल करें।
- अल्कोहल और फास्ट फूड से दूरी बनाए रखें।
- अगर परिवार में किडनी स्टोन का इतिहास हो, तो नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।