Shri Krishna Janmashtami: 16 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री की लिस्ट

Edited By Updated: 15 Aug, 2025 09:13 PM

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भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से मनाया जाता है। इसे कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती, जन्माष्टमी और श्री जयंती जैसे नामों से भी जाना जाता...

नेशनल डेस्क: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से मनाया जाता है। इसे कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती, जन्माष्टमी और श्री जयंती जैसे नामों से भी जाना जाता है। जन्माष्टमी के निर्धारण में अष्टमी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि यही तिथि भगवान कृष्ण के जन्म की होती है। इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:49 बजे से शुरू होकर 16 अगस्त की रात 9:34 बजे तक रहेगी। पंचांग के अनुसार इस बार जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा।

ध्यान देने वाली बात यह है कि श्रीकृष्ण का जन्म पारंपरिक रूप से रोहिणी नक्षत्र में माना जाता है, लेकिन इस साल जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बना है। रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त की सुबह 4:38 बजे से 18 अगस्त की सुबह 3:17 बजे तक रहेगा।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त
इस बार जन्माष्टमी का शुभ पूजन मुहूर्त 17 अगस्त की मध्यरात्रि 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा, जिसमें कुल 43 मिनट का समय मिलेगा। वहीं, जन्माष्टमी का पारण 17 अगस्त की सुबह 5:51 बजे के बाद किया जाएगा।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन विधि
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का श्रृंगार करें और विधिवत पूजा-अर्चना करें। उन्हें पालने में झुलाएं, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। नए वस्त्र, मुकुट, बांसुरी और वैजयंती माला से उनका सजावट करें। भोग में तुलसीदल, फल, माखन, मिश्री तथा अन्य प्रसाद अर्पित करें। अंत में आरती उतारकर प्रसाद सभी में वितरित करें।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन सामग्री
पूजन के लिए आवश्यक सामग्री में झूला या पालना, भगवान कृष्ण की मूर्ति या प्रतिमा, बांसुरी, आभूषण, मुकुट, तुलसीदल, चंदन, अक्षत, माखन, केसर, इलायची, कलश, गंगाजल, हल्दी, पान, सुपारी, सिंहासन, सफेद और लाल वस्त्र, कुमकुम, नारियल, मौली, इत्र, सिक्के, धूप, दीप, अगरबत्ती, फल, कपूर और मोरपंख शामिल हैंa। इन सभी सामग्री का उपयोग भगवान कृष्ण की पूजा एवं श्रृंगार के लिए किया जाता है।

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