लद्दाख को मिल सकता है अनुच्छेद-371 जैसा दर्जा, लोग कर रहे हैं संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग

Edited By Mahima,Updated: 07 Mar, 2024 09:38 AM

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लद्दाख में लेह को संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को चल रहे आंदोलन के बीच मोदी सरकार केंद्र शासित प्रदेश को संविधान के अनुच्छेद 371 जैसी सुरक्षा दे सकती है।

नेशनल डेस्क: लद्दाख में लेह को संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को चल रहे आंदोलन के बीच मोदी सरकार केंद्र शासित प्रदेश को संविधान के अनुच्छेद 371 जैसी सुरक्षा दे सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मित शाह ने ये साफ कर दिया कि लेह को संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग नहीं मानी जा सकती और केंद्र सरकार ने विधायिका की मांग को को भी ठुकरा दिया है। जम्मू-कश्मीर के अलग लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है।

80 फीसदी तक नौकरियों में मिल सकता है आरक्षण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की हाल ही में हुई एक बैठक का हवाला देते हुए रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस बैठक में गृह मंत्री ने बताया है कि जमीन, नौकरियों और संस्कृति की लोगों सभी चिंताओं को अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधानों के जरिए सुरक्षा दी जाएगी। बैठक में हिस्सा लेने वाले लद्दाख के एक नेता बताया है कि गृहमंत्री ने भूमि, नौकरियों और संस्कृति पर लोगों की चिंताओं के प्रति सहानुभूति जताई और कहा कि इन्हें अनुच्छेद 371 के तहत  सरकार 80 फीसदी तक नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रखना चाहती है। संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत पूर्वोत्तर के छह राज्यों सहित 11 राज्यों के लिए विशेष प्रावधान है। वहीं संविधान की छठी अनुसूची में अनुच्छेद 244 के तहत क्षेत्र को विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक स्वायत्तता देने का प्रावधान है।

जारी है आंदोलन
उधर भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर लेह अपेक्स बॉडी (एल.ए.बी.) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (के.डी.ए.) ने अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि गृह मंत्रालय अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान के तहत उनकी चिंता को दूर करने पर विचार कर रहा है।

के.डी.ए. के सह अध्यक्ष कमर अली अखून ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि गृह मंत्रालय से उनकी मांग पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में हाल ही में हुई बैठक के दौरान आश्वासन दिया है कि कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 371 के तहत लद्दाख के लोगों की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। अखून ने कहा कि  वास्तव में सरकारी प्रतिनिधियों या गृह मंत्री की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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