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हिंद-प्रशांत देशों की पहल IPEF लॉन्च, कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ शामिल हुए PM मोदी

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 May, 2022 04:23 PM

launch of ipef an initiative of indo pacific countries modi joined the program

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ 12 हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) देशों के साथ एक नई व्यापार रूपरेखा (new business profile) के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए।

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ 12 हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) देशों के साथ एक नई व्यापार रूपरेखा (new business profile) के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का मकसद समान विचार वाले देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा, जुझारू आपूर्ति श्रृंखला (combative supply chain) और डिजिटल कारोबार (digital business) जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा बनाना है। यह व्यापार रूपरेखा अमेरिका की पहल है। अमेरिका द्वारा शुरू की गई पहल ‘हिंद-प्रशांत की समृद्धि के लिए आर्थिक रूपरेखा' (IPEF) को क्षेत्र में चीन की आक्रामक कारोबारी रणनीति का मुकाबला करने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। 

 

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज टोक्यो में IPEF के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।'' इस समारोह में जुड़ने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि IPEF के माध्यम से सदस्य देशों के बीच आर्थिक गठजोड़ मजबूत बनाने पर जोर देने की बात कही गई है जिसका उद्देश्य हिंद प्रशांत में जुझारूपन, वहनीयता, समावेशिता, आर्थिक वृद्धि, निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। 

 

पीएम मोदी बोले- इस कार्यक्रम में जुड़कर खुशी हुई
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज इस महत्वपूर्ण समारोह में आप सभी के साथ जुड़कर मुझे खुशी हो रही है। हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचा इस क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक वृद्धि का इंजन बनाने की हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति की घोषणा है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पहल के लिए मैं राष्ट्रपति बाइडन को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। हिंद प्रशांत विनिर्माण, आर्थिक गतिविधि, वैश्विक व्यापार और निवेश का केंद्र है। इतिहास इस बात का गवाह है कि हिंद- प्रशांत क्षेत्र के कारोबार प्रवाह में भारत सदियों से एक प्रमुख केंद्र रहा है ।''

 

मोदी ने कहा कि विश्व का सबसे प्राचीन वाणिज्यिक बंदरगाह भारत में मेरे गृह राज्य गुजरात के लोथल में था, इसलिए यह आवश्यक है कि हम क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों के लिए साझा समाधान खोजें, रचनात्मक व्यवस्थाएं बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक समावेशी और मजबूत हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा के निर्माण के लिए आप सभी के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है की हमारे बीच जुझारू आपूर्ति श्रृंखला के तीन मुख्य आधार होने चाहिए: विश्वास, पारदर्शिता और सामयिकता।'' मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह ढांचा इन तीनों स्तंभों को मजबूत करने में सहायक होगा, और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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