चुनावी गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच अमित शाह से मिले मनसे नेता राज ठाकरे

Edited By Pardeep,Updated: 19 Mar, 2024 09:31 PM

mns leader raj thackeray meets amit shah amid murmur of electoral alliance

हाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और संकेत दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पश्चिमी राज्य में अपना गठबंधन मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनाव में उनके साथ गठबंधन करने की संभावना...

नई दिल्ली/मुंबईः महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और संकेत दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पश्चिमी राज्य में अपना गठबंधन मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनाव में उनके साथ गठबंधन करने की संभावना तलाश रही है। 

मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने मुंबई में कहा कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव पर बातचीत 'सकारात्मक' रही और एक या दो दिन में विवरण साझा किया जाएगा। इस बैठक पर महा विकास अघाडी (एमवीए) खेमे से तीखी प्रतिक्रिया आई और कांग्रेस ने भाजपा पर उत्तर भारतीयों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए ठाकरे को चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। 

अजित पवार खेमे से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि अगर मनसे भाजपा नीत 'महायुति' से जुड़ती है तो इससे सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत बढ़ जाएगी। देर सोमवार को दिल्ली पहुंचे राज ठाकरे के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी थे और वह तब भी मौजूद रहे तब ठाकरे ने दिन में शाह से मुलाकात की। अगर महागठबंधन होता है तो मनसे को मुंबई से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट दी जा सकती है जहां से उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला शिवसेना (यूबीटी) का काफी प्रभाव माना जाता है। 

राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई के नेतृत्व वाले शिवसेना से अलग होने के बाद 2006 में मनसे की स्थापना की थी। भले ही राज को एक शक्तिशाली वक्ता के रूप में देखा जाता है और उनका एक समर्थक वर्ग भी है लेकिन मनसे अब तक चुनावों में ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सकी है। पूर्व में उत्तर भारतीयों के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों की भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी। 

मराठी मानुष के मुद्दे को आगे रखकर मनसे ने 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, पार्टी ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, विशेष रूप से मुंबई में कई शिवसेना और भाजपा उम्मीदवारों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया। उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में, मनसे ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया और 13 सीटें जीतीं। हालांकि, बाद में पार्टी ने मतदाताओं के बीच अपनी अपील खो दी और इसकी स्थिति कमजोर हुई, जिससे यह राज्य की राजनीति में हाशिए पर आ गई। 

साल 2009 को छोड़ दें तो मनसे उन 13 सीटों के करीब भी नहीं पहुंच पाई है, जिन पर उसने जीत हासिल की थी। 2019 के चुनावों में, पार्टी ने 288 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ एक सीट जीती। उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर अपने चचेरे भाई के साथ गठबंधन करने की कोशिश को लेकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उनकी पूर्व सहयोगी पार्टी चुनाव जीतने के लिए एक ''ठाकरे'' को ''चुराने'' का प्रयास कर रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अच्छी तरह जानती है कि उन्हें महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलते हैं। लोग यहां (बाल) ठाकरे के नाम पर वोट देते हैं। इस अहसास ने भाजपा को बाहर के नेताओं (भाजपा से) को चुराने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया।'' शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा और मनसे गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे महा विकास अघाडी की सफलता से डरे हुए हैं। 

राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने कहा कि राज ठाकरे की अमित शाह से मुलाकात से उन्हें हैरानी नहीं हुई क्योंकि मनसे प्रमुख की भाजपा के साथ नजदीकी के संकेत मिल रहे थे। राकांपा (शरदचंद्र पवार)प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि मनसे नेता केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं और अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। राउत ने दावा किया कि ठाकरे की मनसे की स्थिति अच्छी नहीं है और इसी वजह से वह गठबंधन कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि मनसे के साथ गठबंधन का प्रयास कर भाजपा न केवल उत्तर भारतीयों को धोखा दिया है बल्कि उनके जख्मों पर नमक छिड़का है।

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