Edited By Hitesh,Updated: 13 Dec, 2021 04:16 PM

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी, राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल जारी रखे हुए हैं। निगम के हड़ताली कर्मचारी, निगम को सरकारी इकाई में विलय करने की मांग पर अड़े हुए हैं। राज्य के परिवहन...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी, राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल जारी रखे हुए हैं। निगम के हड़ताली कर्मचारी, निगम को सरकारी इकाई में विलय करने की मांग पर अड़े हुए हैं। राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कर्मचारियों को सोमवार तक ड्यूटी पर लौटने की चेतावनी दी थी, जो कर्मचारी काम पर वापस नहीं आयेगा, उसके खिलाफ आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (मेस्मा) के तहत कारर्वाई की भी चेतावनी दी थी।
मेस्मा के तहत सभी अपराध गैर-जमानती हैं और उन्हें एक वर्ष तक की कैद, 2,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकती हैं। परब ने पहले निलंबित कर्मचारियों से कहा था कि सोमवार तक काम पर रिपोर्ट करें और अगर वे ऐसा करते हैं तो उनका निलंबन निरस्त कर दिया जाएगा। एक महीने की हड़ताल में अपनी भागीदारी जारी रखते हुए आदेशों की अवहेलना करने पर 10,000 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। नवंबर के वेतन से प्रभावी वेतन वृद्धि की घोषणा के कुछ दिनों बाद सरकार ने दी थी। परब ने कहा कि अदालत के निर्णय के बाद सरकार विलय पर विचार करेगी।