नवाब मलिक ने बॉम्बे HC से बिना शर्त मांगी माफी, कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर वानखेड़े के खिलाफ दिए थे बयान

Edited By Anil dev,Updated: 10 Dec, 2021 06:32 PM

national news punjab kesari delhi maharashtra nawab malik ncb

राकांपा नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने राष्ट्रीय स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके परिवार के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी करने पर शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी

नेशनल डेस्क: राकांपा नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने राष्ट्रीय स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके परिवार के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी करने पर शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी जबकि उन्होंने पूर्व में यह आश्वासन दिया था कि वह ऐसा नहीं करेंगे। मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय ने मंत्री का एक हलफनामा पेश किया जिसमें उन्होंने अदालत के 29 नवंबर के आदेश का उल्लंघन करने के लिए माफी मांगी। मलिक ने हलफनामे में कहा कि अपने स्वयं के आश्वासन का उल्लंघन करके अदालत का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं था। उन्होंने हलफनामे में यह भी दलील दी कि उन्होंने टिप्पणी एक साक्षात्कार के दौरान कीं थी और वे सोशल मीडिया पोस्ट या सार्वजनिक टिप्पणियों का हिस्सा नहीं थीं। 

मलिक ने हलफनामे में कहा, ‘‘मैं 25 नवंबर और 29 नवंबर को दिए गए आश्वासन के उल्लंघन के मामले में इस अदालत से बिना शर्त माफी मांगता हूं।'' मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय जब तक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि वाद पर सुनवाई नहीं कर लेता, तब तक वह वानखेड़े परिवार के बारे में कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे। हलफनामे में कहा गया है, ‘‘हालांकि, मुझे विश्वास है कि मेरा बयान मुझे केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग और उनके अधिकारियों के आधिकारिक कर्तव्य निर्वहन के दौरान उनके आचरण पर टिप्पणी करने से नहीं रोकेगा।'' अदालत ने मलिक की माफी स्वीकार कर ली। अदालत ने साथ ही ज्ञानदेव वानखेड़े के वकील बीरेंद्र सराफ द्वारा मलिक के बयान के बारे में उठायी गई आपत्ति पर भी गौर किया कि वह अभी भी 'केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों' के आचरण पर टिप्पणी कर सकते हैं। 

वकील सराफ ने कहा कि मलिक को हलफनामे के इस हिस्से का दुरुपयोग समीर वानखेड़े (जो एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक) के खिलाफ अपमानजनक बयान देना जारी रखने के लिए नहीं करना चाहिए। चिनॉय ने कहा कि उनके मुवक्किल अधिकारी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे। वकील ने कहा, ‘‘मैं (मलिक) उनके (समीर वानखेड़े के) निजी जीवन के बारे में कुछ नहीं कह रहा हूं। उनका धर्म, जाति, छुट्टियां... मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है।'' उच्च न्यायालय ने चिनॉय के बयान को स्वीकार कर लिया लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि मलिक अपने आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में समीर वानखेड़े के पिछले आचरण पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि किसी भी टिप्पणी को वर्तमान या भविष्य तक सीमित रखा जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के वकीलों को उन्हें ‘‘इसे समाप्त करने'' की सलाह देनी चाहिए। चिनॉय ने कहा कि वह ऐसा करना चाहते हैं लेकिन मुद्दा ‘‘बहुत जटिल'' है। 

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 29 नवंबर को एकल न्यायाधीश का 22 नवंबर का वह आदेश रद्द कर दिया था, जिसमें मानहानि वाद की सुनवाई के दौरान मंत्री को वानखेड़े के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोकने से इनकार कर दिया गया था। मलिक ने तब यह आश्वासन दिया था कि वह वानखेड़े परिवार के खिलाफ सार्वजनिक बयान नहीं देंगे या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करेंगे। अदालत ने ज्ञानदेव वानखेड़े को 3 जनवरी, 2022 तक एक प्रत्युत्तर (अतिरिक्त) हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!