90 फीसदी वेतन दान करने वाले 'मसाला किंग' धर्मपाल गुलाटी के बारें में दस बड़ी बातें

Edited By Anil dev,Updated: 03 Dec, 2020 11:47 AM

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एमडीएच के मालिक और मसालों की दुनिया के बेताज बादशाह धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के माता चंदन देवी हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली। धर्मपाल गुलाटी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश के 70वें गणतंत्र दिवस पर...

नेशनल डेस्क: एमडीएच के मालिक और मसालों की दुनिया के बेताज बादशाह धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के माता चंदन देवी हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली। धर्मपाल गुलाटी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश के 70वें गणतंत्र दिवस पर इनको पद्मभूषण से सम्मानित भी किया गया था। कभी किसी ने नहीं सोचा होगा कि तांगा चलाकर अपना पेट भरने वाले धर्मपाल गुलाटी 2000 करोड़ रुपयों के बिजनेस ग्रुप के मालिक होंगे। अपनी 90 फीसदी वेतन दान करने वाले धर्मपाल महाशय के बारे में वो दस खास बातें जोकि बहुत कम लोग जानते हैं। 

1. पक्के आर्यसमाजी- विज्ञापन की दुनिया के वे सबसे उम्रदराज स्टार कहे जाने वाले धर्मपाल पक्के आर्यसमाजी थे हाल ही में उन्होंने दिल्ली में विश्व आर्यसमाज सम्मेलन आयोजित कराया था। इसमें दुनियाभर के कई देशों के लोगों ने शिरकत की थी। कारोबार और फूड प्रोसेसिंग में योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल महाशय धर्मपाल को पद्मविभूषण से सम्मानित किया था।

2. तांगा भी चलाया- मसालों का कारोबार छोटे तौर पर सियालकोट में उनके पिता ने 1919 में शुरू किया था। बंटवारे के बाद जब उनका परिवार शरणार्थी के रूप में भारत आया तो आजीविका के लिए उन्होंने बहुत दिनों तक तांगा चलाया लेकिन जब उन्हें महसूस होने लगा कि ये काम ज्यादा नहीं चलने वाला तब उन्होंने करोलबाग में एक छोटे से लकड़ी के खोखे में मसाले की दुकान शुरू की, जो चल निकली। 


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3. खुद ब्रैंड एंबेसडर- धरमपाल आमतौर पर अपने विश्वप्रसिद्ध मसाला ब्रांड एमडीएच के ब्रैंड एंबेसडर खुद ही थे। लंबे समय से अपने मसालों के एड में उनकी मौजूदगी अनिवार्य होती थी। एमडीएच के हर मसाले के पैकेट पर भी उनका फोटो जरूर होता है।

4. बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी- उन्होंने एमडीएच की शुरुआत जरूर छोटे स्तर पर भारत में की लेकिन मौजूदा समय में इसकी देश के मसाला बाजार में 12 फीसदी हिस्सेदारी है. उनकी कंपनी 62 उत्पाद तैयार करती है, जो 150 पैकेट्स में उपलब्ध है.

5. 24 करोड़ की सालाना सैलरी- अपनी कंपनी के सीईओ धर्मपाल गुलाटी का सालाना पैकेज दो साल पहले 24 करोड़ रुपए का था। कंज्यूमर प्रोडेक्ट जैसी कंपनियों में गुलाटी की सैलेरी सबसे ज्यादा है। कंपनी की 80 फीसदी हिस्सेदारी भी उन्हीं के पास है। उनका कहना है कि वो अपने वेतन का 90 फीसदी हिस्सा गरीब लोगों में दान करते हैं। 


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6. कुल कारोबार- धर्मपाल की कंपनी महाशियां दी हट्टी कंपनी फिलहाल 1500 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा का है। उनके ग्रुप के पास 15 फैक्ट्रियां, 1000 डीलर्स हैं। दुनिया के सभी बड़े देशों और शहरों में उनकी कंपनी के आफिस और कारोबार फैला हुआ है। 

7. पगड़ी वाले दादाजी- धर्मपाल को ज्यादातर लोग एमडीएच के पगड़ी वाले दादाजी के रूप में जानते थे। कुछ लोगों के लिए वो महाशय जी हैं? वो लगातार अपने डीलर्स से मिलते हैं। उनकी सुबह 04.30 बजे शुरू होती है और वो रात 11 बजे तक व्यस्त रहते हैं। इतनी उम्र में ऐसी मेहनत तारीफ का काबिल थी। 

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8. कांट्रैक्स फार्मिंग भी कराते हैं- उन्होंने पिछले 60 सालों में दिल्ली में 20 स्कूल और कई अस्पताल भी खोले हैं। उनकी कंपनी कांंट्रैक्ट फार्मिंग भी करती है। उसके मसालों के मुख्य स्रोत कर्नाटक और राजस्थान के अलावा ईरान और अफगानिस्तान हैं। 

9. परिवार कितना बड़ा- धर्मपाल जी का पूरा परिवार कारोबार के आपरेशंस को देखता है। उनके परिवार में एक बेटे और छह बेटियां हैं।  छह बेटियां रीजन आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन देखने का काम करती हैं। 

10. कई कारोबार में हाथ आजमाया- बहुत कम लोग जानते हैं कि धर्मपाल केवल पांचवीं तक ही पढे लिखे हैं। वो शुरू में अपने पिता के मसाले के बिजनेस से अलग व्यापार में हाथ आजमाना और सफल होना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने सियालकोट में रहते हुए कई तरह के बिजनेस में हाथ आजमाया लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी थी।


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