टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस की प्रेस कांफ्रेस, कहा- भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की थी साजिश

Edited By Anil dev,Updated: 15 Feb, 2021 04:23 PM

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किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार को लेकर दिल्ली पुलिस ने आज प्रेस कांफ्रेस की। इसमें बताया गया कि दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह टूलकिट बेहद ही...

नेशनल डेस्क: किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार को लेकर दिल्ली पुलिस ने आज प्रेस कांफ्रेस की। इसमें बताया गया कि दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह टूलकिट बेहद ही सुनियोजित तरीके से बनाया गया है। इसमें किस तरह से किसान आंदोलन को समर्थन देना है उसकी पूरी जानकारी थी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दिशा ने टूलकिट को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर किया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई। टूलकिट को विश्वस्तर पर फैलाने साजिश थी। 

खालिस्तानी संगठन से है इस टूलकिट का संबंध
दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन से है। इस टूलकिट को चार फरवरी को बनाया गया था। इस टूलकिट में योग और चाय को नुकसान पहुंचाने से लेकर दूतावासों को भी नुकसान पहुंचाने की बात है। इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। पुलिस के अनुसार जनवरी में टूलकिट बनाया गया ताकि आंदोलन को बढ़ाया जा सके। इसे विदेशों में ले जाया सके और विदेशों में भारत के दूतावास को टारगेट किया जा सके। 

जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि बेंगलुरू से गिरफ्तार
दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह च्पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ साठगांठ की। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रवि को पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में टूलकिट बनाने एवं उसके प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया। रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं और वह फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं।

निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का किया रुख
जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट साझा किये जाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपी वकील निकिता जैकब ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में जैकब और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे सम्पर्क में होने का आरोप है। जैकब ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी. डी. नाइक की एकल पीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगा। जैकब ने चार सप्ताह के लिये ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की है, ताकि वह दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिये संबंधित अदालत का रुख कर सके। वकील ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मामले में उनका नाम बतौर आरोपी या गवाह के तौर पर आया है । 

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