Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Apr, 2021 02:28 PM

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की दर में भारी कमी दिखाने वाले सीएमआईई के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लाखों बेरोजगारों युवाओं की स्थिति का ''मज़ाक'' उड़ाने जैसा है।
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की दर में भारी कमी दिखाने वाले सीएमआईई के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लाखों बेरोजगारों युवाओं की स्थिति का 'मज़ाक' उड़ाने जैसा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने एक बयान में कहा कि दोषपूर्ण आंकड़ों के जरिए रोजगार सृजन में उछाल का दावा किया जा रहा है लेकिन ये आंकड़े जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर बेरोज़गारी के तथ्य को बदल नहीं सकते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में मार्च, २०२१ के अंत में बेरोज़गारी की दर घटकर नौ फीसदी रह गई। डार ने दावा किया कि पार्टी के पास मौजूद आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार ९४,२२१ बेरोजगार युवाओं ने स्वैच्छिक रूप से जिला रोजगार एवं करियर परामर्श केंद्रों में मार्च २०२० तक पंजीकरण कराया था। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि इन युवाओं में कितनों को रोज़गार मिला।