नेहरू प्लेस बड़ा वाणिज्यिक क्षेत्र, झुग्गी इलाका नहीं बनना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

Edited By Updated: 10 Nov, 2021 11:16 PM

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दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के नेहरू प्लेस में अवैध कब्जाधारियों से निपटने को लेकर बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) से अपने सुझाव मांगे और कहा कि इतना बड़ा वाणिज्यिक क्षेत्र झुग्गी इलाका नहीं बनना चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति...

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के नेहरू प्लेस में अवैध कब्जाधारियों से निपटने को लेकर बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) से अपने सुझाव मांगे और कहा कि इतना बड़ा वाणिज्यिक क्षेत्र झुग्गी इलाका नहीं बनना चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने नेहरू प्लेस में रेहड़ी-पटरियों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नगर निकाय को अन्य हितधारकों के साथ ‘‘व्यापक सहमति पर पहुंचने'' और एक सप्ताह के भीतर अपना प्रस्ताव साझा करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ‘टाउन वेंडिंग' समितियों से संबंधित मुद्दों का फैसला नहीं करती है, तब तक यह उन 95 विक्रेताओं को निर्धारित समय, रकबे और स्थान से संबंधित प्रतिबंधों पर सख्ती से अमल करने की शर्तों के साथ माल बेचना जारी रखने की अनुमति देगी, जिनके पास पहले से ही न्यायिक आदेश हैं। न्यायालय ने कहा कि विक्रेताओं को तहबाजारी की शर्तों का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि रात के दौरान कोई सामान या पार्सल न छूटे।

पीठ ने कहा, “हम आपसे (विक्रेताओं से) अनुपालन करने और केवल डीडीए द्वारा अनुमति प्राप्त लोगों को ही बिक्री करने की अनुमति देंगे। अपने क्षेत्र तक ही सीमित रहें और जगह को साफ-सुथरा छोड़ दें।'' इसने कहा, “नेहरू प्लेस एक बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र है। इसे झुग्गी-झोपड़ी नहीं बनना चाहिए। चीजें बहुत खराब हैं।'' पीठ ने कहा कि प्रतिस्पर्धी हितों को संतुलित करते हुए यह देखा जाना चाहिए कि आपात स्थिति में दमकल की पहुंच वहां हो सकती है या नहीं। सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने एसडीएमसी से यह भी सवाल किया कि क्या उसने पिछले आदेश के अनुपालन में जमीनी स्तर पर सत्यापन किया है कि नेहरू प्लेस में केवल वही अपनी दुकानें चला रहे हैं, जिन्हें अदालत से सुरक्षा दी गई थी।

न्यायालय ने एसडीएमसी से कहा, ‘‘हम आपके आयुक्त को पकड़ेंगे, वह अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं।… एसडीएमसी अपनी भूमिका नहीं निभा रहा है। दर बढ़ाने के लिए हमारे आदेश का इस्तेमाल न करें..आपने यह खुलासा क्यों नहीं किया कि रात 10 बजे (विक्रेताओं के) सामान वहां पड़ा होता है।'' न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड को एक हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा, जिसमें कहा गया हो कि वह तीन महीने के भीतर अपना सारा खुदाई कार्य पूरा कर लेगा।

पीठ ने कहा, ‘‘तीन महीने के बाद कोई खुदाई नहीं। जब तक आपका खुदाई का काम खत्म नहीं हो जाता, हम कुछ नहीं कर सकते।'' पीठ ने नेहरू प्लेस स्थित जिला वाणिज्यिक केंद्र की एक इमारत में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए 13 अगस्त को सुनवाई शुरू की थी। मामले की अगली सुनवाई नौ दिसम्बर को होगी।

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