Edited By Tanuja,Updated: 15 Jun, 2020 11:42 AM
नक्शा विवाद को लेकर भारत औऱ नेपाल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। नए विवादित नक्शे में जुड़े संविधान संशोधन बिल को नेपाली संसद के
इंटरनेशनल डेस्कः नक्शा विवाद को लेकर भारत औऱ नेपाल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। नए विवादित नक्शे में जुड़े संविधान संशोधन बिल को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित कर दिया गया है। भारत के विरोध के बावजूद नेपाल इस मानचित्र को जारी करने के लिए अपने अगले कदम के लिए तैयार है। अब इस बिल को पास कराने के लिए ऊपरी सदन में 16 जून मंगलवार को वोटिंग होगी। मंगलवार को नेपाली संसद के ऊपरी सदन में अगर वोटिंग के जरिये इस संशाधित विधेयक को पारित किया जाता है तो इसके बाद इसपर राष्ट्रपति विद्या भंडारी की मंजूरी हासिल करनी होगी, जिसके बाद यह कानून बनेगा।
ऐसे में रविवार को ऊपरी सदन के सदस्यों की ओर से इस संशोधित विधेयक पर विचार करने संबंधी प्रस्ताव से भारत की राह आसान हो सकती है। इससे पहले भी नेपाली कांग्रेस के दबाव में पिछले महीने पीएम केपी शर्मा ओली को यह विधेयक वापस लेना पड़ा था। नेपाली संसद के उच्च सदन ने 14 जून को देश के नए राजनीतिक नक्शे को अपडेट करने के संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया। इन नक्शे में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इससे एक दिन पहले ही निचले सदन ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था।
नेपाल के सत्ताधारी और विपक्षी राजनीतिक दलों ने शनिवार 13 जून को नए विवादित नक्शे को शामिल करते हुए संविधान की तीसरी अनुसूची को संशोधित करने संबंधी सरकारी विधेयक के पक्ष में मतदान किया। इसके तहत भारत के उत्तराखंड में स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के तौर पर दर्शाया गया है। भारत ने इस कदम का सख्त विरोध करते हुए इसे स्वीकार करने योग्य नहीं बताया था। शनिवार को नेपाल के निचले सदन में मौजूद सभी 258 सांसदों ने संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ एक भी मत नहीं पड़ा। अब विधेयक को नेशनल असेंबली में फिर इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पास नेशनल असेंबली में दो तिहाई बहुमत है।