Edited By Mansa Devi,Updated: 19 Aug, 2025 12:46 PM

भारतीय रेलवे ने एक और बड़ा और अद्भुत कदम उठाया है। अब रेलवे ने अपनी पटरियों के बीच में सोलर पैनल लगाना शुरू कर दिया है। यह एक ऐसा प्रयोग है जो आने वाले समय में रेलवे के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि रेलवे ने ऐसा क्यों किया है और...
नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे ने एक और बड़ा और अद्भुत कदम उठाया है। अब रेलवे ने अपनी पटरियों के बीच में सोलर पैनल लगाना शुरू कर दिया है। यह एक ऐसा प्रयोग है जो आने वाले समय में रेलवे के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि रेलवे ने ऐसा क्यों किया है और इसका क्या फायदा होगा।
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कहाँ लगाए गए हैं ये सोलर पैनल?
भारतीय रेलवे के बनारस रेल इंजन कारखाने ने इस अनोखे प्रयोग की शुरुआत की है। यहाँ 70 मीटर लंबे रेल ट्रैक के बीच में 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं। इन पैनल की सबसे खास बात यह है कि ये हटाने योग्य हैं, यानी ज़रूरत पड़ने पर इन्हें आसानी से हटाया और दोबारा लगाया जा सकता है।

कितनी बिजली बनेगी और क्या होगा फायदा?
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इन 28 सोलर पैनल से 15 किलोवाट बिजली बनेगी, जिसका इस्तेमाल इंजन चलाने और अन्य कामों के लिए किया जा सकेगा।
यह प्रयोग सफल रहा तो रेलवे को बहुत बड़ा फायदा होगा। अभी भारतीय रेलवे रोज़ाना करोड़ों रुपये की बिजली बाहर से खरीदता है। अगर रेलवे खुद से बिजली पैदा करने लगे तो इससे बड़ी बचत हो सकती है और इलेक्ट्रिक इंजन बिना बाहरी बिजली के चल पाएंगे।
इन सोलर पैनल का आकार 2278×1133×30 मिलीमीटर है और इनका वजन 31.83 किलोग्राम है। कुछ कर्मचारी मिलकर इन्हें कुछ ही घंटों में हटा सकते हैं और दोबारा लगा भी सकते हैं। इस प्रयोग से रेलवे की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और वह पर्यावरण के अनुकूल तकनीक का इस्तेमाल कर पाएगा।