यमन में भारतीय नर्स निमिषा को मिलेगी मौत ! फिलहाल फांसी टली लेकिन...

Edited By Updated: 16 Jul, 2025 03:05 PM

nimisha s execution paused in yemen but hope fades

यमन की जेल में मौत की सजा काट रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया  को फिलहाल थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन उनका भविष्य अभी भी अधर में लटका है। 16 जुलाई को तय फांसी

International Desk: यमन की जेल में मौत की सजा काट रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया  को फिलहाल थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन उनका भविष्य अभी भी अधर में लटका है। 16 जुलाई को तय फांसी को भारत सरकार, सऊदी एजेंसियों और धार्मिक नेताओं की कोशिशों से  टाल तो दिया गया है , लेकिन मृतक के परिवार ने साफ कह दिया है कि इस हत्या को कभी माफ नहीं करेंगे ।फिलहाल राहत बस इतनी है कि फांसी पर रोक लगी है। लेकिन अंतिम फैसला मृतक परिवार के हाथ में है। अगर वे ब्लड मनी लेने को तैयार होते हैं तभी निमिषा की जान बच सकती है। भारत सरकार और धार्मिक संगठन पूरे दम से मध्यस्थता कर रहे हैं ।
 

 क्या है पूरा मामला? 
2017 में निमिषा प्रिया पर यमन के नागरिक और उनके बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप लगा। कोर्ट ने उन्हें 2018 में दोषी ठहराया और 2020 में मौत की सजा सुनाई, जिसे यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में भी बरकरार रखा। 16 जुलाई को निमिषा को फांसी दी जानी थी, लेकिन ऐन मौके पर भारत सरकार, धार्मिक नेताओं और सऊदी अरब के प्रयासों से इसे रोक दिया गया।

 
मृतक के भाई का सख्त रुख 
मृतक तलाल के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने साफ कर दिया है “इस हत्या के लिए कोई माफी नहीं है।” उन्होंने भारतीय मीडिया पर भी आरोप लगाया कि निमिषा को ‘मासूम पीड़िता’ की तरह पेश किया जा रहा है, जबकि सच्चाई कुछ और है। यमन के शरिया कानून में हत्या के मामले में ‘ब्लड मनी’ यानी वित्तीय मुआवजे के बदले माफी दी जा सकती है। लेकिन यह तभी होगा जब मृतक परिवार इसके लिए राजी होगा। अभी परिवार ने कोई नरमी नहीं दिखाई है। हालांकि, केरल के अरबपति एम. ए. यूसुफ अली ने जरूरत पड़ने पर ब्लड मनी देने में मदद का वादा किया है।

 

धार्मिक नेताओं ने संभाली कमान 
भारत से गए ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार ने यमन में अधिकारियों और मृतक परिवार से बात कर फांसी रुकवाने में अहम भूमिका निभाई। केरल सीपीआई-एम के सचिव एम. वी. गोविंदन ने भी मुफ्ती से मिलकर हालात का जायजा लिया और कहा कि बातचीत आगे भी जारी रहेगी।
 

 

कैसे फंसी निमिषा? 
निमिषा 2008 में नर्स के तौर पर यमन गई थीं। वहां उन्होंने क्लिनिक खोला। यमन के नियमों के तहत विदेशी नागरिक को स्थानीय साझेदार रखना जरूरी था  इसके लिए तलाल मेहदी को पार्टनर बनाया। परिवार का दावा है कि मेहदी ने धोखाधड़ी की, पैसों पर कब्जा कर लिया और निमिषा को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।2017 में निमिषा ने मेहदी को बेहोश कर पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश की, लेकिन ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। देश छोड़कर भागते वक्त निमिषा पकड़ी गईं और हत्या के आरोप में जेल भेज दी गईं।
  

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