Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Jul, 2025 05:17 PM

महाराष्ट्र के मीरारोड इलाके में मराठी भाषा को लेकर शुरू हुए विवाद ने एक बार फिर से राजनीतिक गरमाहट बढ़ा दी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक शख्स की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।...
National Desk : महाराष्ट्र के मीरारोड इलाके में मराठी भाषा को लेकर शुरू हुए विवाद ने एक बार फिर से राजनीतिक गरमाहट बढ़ा दी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक शख्स की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वह मराठी भाषा में बात नहीं कर रहा था। घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। मराठी भाषा को लेकर मुंबई में उत्तर भारतीयों और अन्य राज्यों से आए लोगों पर हो रहे हमलों की लगातार आलोचना हो रही है। इसी बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से हिंसा न करने की अपील की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि "अगर कोई नाटक करे तो उसके कान के नीचे बजाओ, लेकिन वीडियो मत बनाओ।"
दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की प्रतिक्रिया
बीजेपी के पूर्व सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे “गंदी राजनीति” करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी अपील की है। उन्होंने कहा: “यह गंदी राजनीति है। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव आने वाले हैं, और यह दोनों 'तारा-सितारा' अब बेरोजगार हैं। इनके पास न सांसद हैं, न विधायक। इनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया है, इसलिए ये बाहर से आने वाले लोगों पर हमला कर रहे हैं।”
"मोदी सरकार में ऐसा नहीं होना चाहिए" – निरहुआ
निरहुआ ने कहा कि ऐसी घटनाओं को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के दौरान भी बिहार के छात्रों पर हमले हुए थे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा: “अब मोदी जी की सरकार है। अगर अब भी ऐसे लोगों को नहीं रोका गया तो देश का आम नागरिक भरोसा खो देगा। मोदी जी, देश को आप पर भरोसा है, लेकिन अगर आपकी सरकार में भी ये गुंडागर्दी होती रही तो वो भरोसा भी उठ जाएगा।”
विवाद गहराता जा रहा है
महाराष्ट्र में मराठी बनाम गैर-मराठी की राजनीति लंबे समय से गर्म मुद्दा रही है। चुनावी मौसम में यह विवाद और तेज हो जाता है। हालांकि इस बार सोशल मीडिया के जरिए इसका असर देशभर में देखा जा रहा है, जहां विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। सरकारी स्तर पर अभी तक इस घटना को लेकर कोई ठोस कार्रवाई की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग जोर पकड़ती जा रही है।