ट्रेन में खराब खाने की नो टेंशन, QR कोड से यात्री ट्रैक कर सकेंगे कब और कहां बना खाना

Edited By Updated: 12 Feb, 2025 05:24 PM

no tension about spoiled food in train passengers will be able to track food

अक्सर ही ट्रेनों में मिल रहे खाने को लेकर यात्री शिकायतें करते नजर आते हैं। कभी खाने की गुणवत्ता ठीक न होना तो कभी खराब खाने को लेकर शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसी समस्या को देखते हुए अब रेलवे ने क्लस्टर किचन बनाने का निर्णय लिया है। रेलवे देशभर...

नेशनल डेस्क: अक्सर ही ट्रेनों में मिल रहे खाने को लेकर यात्री शिकायतें करते नजर आते हैं। कभी खाने की गुणवत्ता ठीक न होना तो कभी खराब खाने को लेकर शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसी समस्या को सुलझाने के लिए रेलवे ने अब क्लस्टर किचन बनाने का निर्णय लिया है। रेलवे देशभर में एक हजार क्लस्टर किचन बना रहा है। इसी के तहत पश्चिम रेलवे जोन में करीब 150 क्लस्टर किचन तैयार किए जा रहे हैं। यह भी बता दें कि क्लस्टर किचन से तैयार होने वाले खाने पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। क्यूआर कोड स्कैन करते ही यात्री यह जान सकेंगे कि उनका खाना किस किचन में तैयार हुआ है और वह कब बना था। इसके अलावा, किचन से जुड़ी अन्य जानकारी जैसे कि ठेकेदार कंपनी और एफएसएसएआई का विवरण भी क्यूआर कोड के जरिए मिलेगा।

दरअसल, इस पहल का उद्देश्य खाने की गुणवत्ता में सुधार लाना है। आईआरसीटीसी द्वारा तैयार किए गए इन किचनों से राजधानी, वंदे भारत, तेज एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में भी भोजन की आपूर्ति की जाएगी। यह सेवा कई लंबी दूरी की ट्रेनों में पहले ही शुरू हो चुकी है। पश्चिम रेलवे ने करीब 100 क्लस्टर किचन तैयार कर लिए हैं और बाकी 50 किचन जल्द तैयार हो जाएंगे।

किचन की निगरानी के लिए एआई और कैमरा सिस्टम
इन क्लस्टर किचन में एआई कैमरों के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी। ये कैमरे यह सुनिश्चित करेंगे कि किचन में काम करने वाले कुक और कर्मचारी सभी नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। अगर किचन में कोई समस्या होती है, जैसे कि किचन में चूहा या कॉकरोच दिखाई देना, तो एआई तुरंत शिकायत का टिकट भेजेगा, जिसमें शिकायत का समय और तारीख सहित पूरी जानकारी होगी।

साफ सफाई का भी रखा जाएगा पूरा ध्यान
इससे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किचन में साफ-सफाई का सही से ध्यान रखा जा रहा है। अगर किचन में झाड़ू तो लग गई, लेकिन पोंछा नहीं लगाया गया, या फिर डीप क्लीनिंग का काम नहीं हुआ, तो एआई खुद ही शिकायत दर्ज कराएगा और संबंधित किचन इंचार्ज से सुधार की मांग करेगा।

सुरक्षा के लिए नियम
इन किचन में काम करने वाले कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे हैंड ग्लव्स और हैड कैप पहनकर काम करें। अगर किसी कर्मचारी ने यह नियम नहीं माने, तो एआई सिस्टम इस पर भी निगरानी रखेगा और इसे रिपोर्ट करेगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि क्लस्टर किचन के माध्यम से खानपान की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा और यात्रियों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन प्रदान किया जाएगा। यह कदम भारतीय रेलवे के खानपान सेवा को नई दिशा देने के लिए उठाया गया है ताकि खानपान की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और यात्रियों की शिकायतें कम हों।

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